चोकसी पर पीएनबी में करीब 13,000 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का आरोप है, जिसमें आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, गबन और जालसाजी जैसे अपराध शामिल हैं। ये अपराध भारत और बेल्जियम दोनों के कानूनों के तहत दंडनीय हैं। चोकसी ने अपील में दावा किया था कि यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार है और उन्हें एंटीग्वा से जबरन हटाया गया था, लेकिन अदालत ने इन दावों को बिना सबूत के बताते हुए खारिज कर दिया।
घटनाक्रम की पूरी समयरेखा
– 2018 में भागना: घोटाला सामने आने से ठीक पहले जनवरी 2018 में चोकसी एंटीग्वा एंड बरबुडा भाग गया। उसके भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर उसने कथित तौर पर बैंक से धोखाधड़ी की थी।
– 2024 में प्रत्यर्पण अनुरोध: भारत ने 27 अगस्त 2024 को बेल्जियम को प्रत्यर्पण का औपचारिक अनुरोध भेजा, जो मुंबई की विशेष अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट (मई 2018 और जून 2021) पर आधारित था।
– अप्रैल 2025 में गिरफ्तारी: चोकसी को 11 अप्रैल 2025 को एंटवर्प में इलाज के बहाने बेल्जियम पहुंचने पर गिरफ्तार किया गया। वह तब से जेल में है और जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है।
– अक्टूबर 2025 में अपील कोर्ट का फैसला: एंटवर्प कोर्ट ऑफ अपील ने 17 अक्टूबर को भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को मंजूरी दी और इसे “कार्यान्वयन योग्य” बताया। अदालत ने कहा कि चोकसी को भारत में निष्पक्ष सुनवाई या दुर्व्यवहार का कोई खतरा नहीं है।
– 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में अपील: चोकसी ने 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन 9 दिसंबर को यह अपील भी खारिज हो गई।
कोर्ट ऑफ कसेशन के प्रवक्ता हेनरी वांडरलिंडेन ने पीटीआई को बताया, “कोर्ट ने अपील खारिज कर दी। इसलिए अपील कोर्ट का फैसला बरकरार रहेगा। अब प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।” भारत ने चोकसी की सुरक्षा, चिकित्सा सुविधाओं और मुंबई के आर्थर रोड जेल (बैरक नंबर 12, निजी सैनिटरी सुविधाओं के साथ) में रखरखाव की गारंटी दी है। अदालत ने इन आश्वासनों को स्वीकार करते हुए कहा कि चोकसी को केवल चिकित्सा या अदालती जरूरतों के लिए बाहर ले जाया जाएगा।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर इस खबर ने जोरदार बहस छेड़ दी है। एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल ने लिखा, “बड़ी खबर: भगोड़े मेहुल चोकसी की प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील बेल्जियम की सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी।” न्यूज18 ने वीडियो शेयर करते हुए कहा, “चोकसी को बड़ा झटका, प्रत्यर्पण जल्द।” कई यूजर्स ने इसे “काउंटडाउन शुरू” बताते हुए भारत सरकार की जीत करार दिया।
क्या होगा आगे?
अपील खारिज होने के बाद चोकसी के पास कानूनी रूप से 15 दिनों का समय है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह अंतिम फैसला है। भारत के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चोकसी के प्रत्यर्पण को प्राथमिकता दी है। एक बार भारत पहुंचने पर उसे मुंबई की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।
यह फैसला भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ भारत की मुहिम को मजबूती देता है। नीरव मोदी अभी भी लंदन की जेल में प्रत्यर्पण की लड़ाई लड़ रहा है। चोकसी का प्रत्यर्पण पीएनबी घोटाले के शिकार खाताधारकों को न्याय दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

