जांच में पाया गया कि पिछले चार वर्षों में पुडुचेररी की रणजी ट्रॉफी टीम के 29 मैचों में केवल पांच ही पुडुचेररी-जन्मे खिलाड़ी मैदान पर उतरे। इस सीजन के वीनू मांकड़ ट्रॉफी के पहले अंडर-19 मैच में 11 में से नौ खिलाड़ी दूसरे राज्यों से भर्ती ‘लोकल’ थे। सीनियर टीमों में भी स्थानीय खिलाड़ियों की संख्या कभी चार से ज्यादा नहीं रही, जबकि नियम के मुताबिक केवल तीन ‘आउटस्टेशन’ खिलाड़ी ही रखे जा सकते हैं। 2025-26 रणजी सीजन के पहले हाफ में पुडुचेररी के पांच मैचों में एक भी स्थानीय खिलाड़ी नहीं खेला।
फर्जी पतों का जाल
मीडिया ने 2,000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन फॉर्म्स की जांच की और दर्जनों पूर्व व वर्तमान खिलाड़ियों व अधिकारियों से बात की। पांच प्रमुख पतों की ग्राउंड जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। मिसाल के तौर पर, मूळाकुलम के मोथीलाल नगर का एक दोमंजिला मकान आठ राज्यों के 17 ‘लोकल’ क्रिकेटरों का आधिकारिक पत्ता है। इनमें से छह 2025-26 सीनियर टीम में हैं, सात ने जुलाई 2025 के पुडुचेररी प्रीमियर लीग (पीपीएल) में खेला। मकान मालकिन ने बताया कि तीन-चार साल पहले चार क्रिकेटरों को किराए पर दिया था, लेकिन किराया न देने पर उन्हें निकाल दिया गया। बाकी 11 के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं।
इसी तरह, नरंबाई के त्सुनामी नगर का एक पत्ता दिल्ली के 16 वर्षीय खिलाड़ी का है, जो 2023 में रजिस्टर हुआ और 2024 में जगथ अकादमी में शामिल हो गया। मकान मालकिन की पत्नी ने बताया कि सितंबर 2025 में वह लड़का फोटो खिंचवाने आया और कहा कि पूछताछ होने पर बताना कि वह एक साल से रह रहा है। नाइनार मंडपम का पता महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और हरियाणा के चार खिलाड़ियों का है, लेकिन मालकिन ने इनका नाम तक नहीं सुना। व्हाइट टाउन के रू रोमैन रोलैंड का फ्लैट 2019 से एक गेंदबाज का आधिकारिक पत्ता है, जो हाल ही में आईपीएल ट्रायल में गया, लेकिन केयरटेकर को उसका चेहरा याद नहीं। एमजी रोड इलाके का एक तीनमंजिला मकान छह खिलाड़ियों (कर्नाटक, हरियाणा, तेलंगाना, यूपी से) का साझा पत्ता है, जहां ग्राउंड फ्लोर पर किडनी केयर सेंटर चलता है। मालकिन प्रवीण पी खुद जगथ अकादमी से जुड़े हैं और बीसीसीआई-अनुमोदित अंपायर हैं, लेकिन उन्होंने दावा किया कि उन्हें अन्य खिलाड़ियों की जानकारी नहीं।
टिन शेड से आईटीआई
बीसीसीआई नियमों के मुताबिक, आउटस्टेशन खिलाड़ी को ‘लोकल’ बनने के लिए एक साल की नौकरी या शिक्षा का प्रमाण और रेसिडेंशियल प्रूफ चाहिए। लेकिन पुडुचेररी में पिछले तीन सालों में 28 से ज्यादा खिलाड़ी फर्जी आईटीआई कोर्स में ‘एडमिशन’ दिखा चुके हैं। नेल्लीथोपे का श्री विवेकानंद आईटीआई 2021 में बंद हो चुका था—वहां सिर्फ जंग लगी टिन शेड बची है। अब इसका नाम विलियनुर के रामचंद्र पैरामेडिकल साइंस कॉलेज के तहत चल रहा है, जहां हरियाणा के दो खिलाड़ी ‘वायरमैन कोर्स’ में दिखाए गए। कॉलेज प्रिंसिपल ने कोई टिप्पणी नहीं की। एक यूपी के अंडर-23 खिलाड़ी का रिकॉर्ड एक प्राइवेट ट्यूशन सेंटर से जुड़ा, जहां 2020 में लोकल एजेंट ने रजिस्ट्रेशन कराया बिना छात्र को बुलाए। होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट भी कई रिकॉर्ड्स में फर्जी एडमिशन दिखा रहा है।
सीएपी का निजीकरण और विरोध की सजा
सीएपी की स्थापना 2019 में साइकेम टेक्नोलॉजीज के मालिक पी दामोदरन ने की, जिन पर हितों के टकराव के आरोप हैं। जांच के दूसरे भाग में खुलासा हुआ कि कैसे एक प्राइवेट फर्म ने भूमि से लेकर वोटिंग राइट्स तक पर कब्जा कर लिया। स्थानीय खिलाड़ी संथामूर्ति (41 वर्षीय पूर्व तेज गेंदबाज, जिन्होंने रिकॉर्ड बनाए) ने इसे ‘रिग्ड सिस्टम’ बताया। उन्होंने कहा, “उत्तर भारत के खिलाड़ी आते हैं, पैसे देते हैं और अगले दिन ही खेलने लगते हैं।” 2025 पीपीएल में आउटस्टेशन खिलाड़ियों के खिलाफ विरोध करने पर पांच स्थानीयों को सीएपी ने बैन कर दिया। 2019 में बीसीसीआई ने फर्जी ‘सेन्थिल इंस्टीट्यूट’ दिखाने पर छह खिलाड़ियों को बैन किया था।
पूर्व खिलाड़ियों का आक्रोश
सीएपी जॉइंट सेक्रेटरी (पूर्व) एस वेंकटरामन, जो जगथ अकादमी चलाते हैं, ने आरोप नकारे। उन्होंने कहा, “हम बीसीसीआई नियमों का पालन कर रहे हैं। आधार और पैन जैसे सरकारी दस्तावेजों की जांच हमारी जिम्मेदारी नहीं।” उनके भाई कार्तिकेयन सितंबर 2025 में सीएपी सेक्रेटरी बने। दामोदरन ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, “क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए मेरे परिवार ने सीएपी की मदद की।”
भरतीदासन पुडुचेररी क्रिकेटर्स फोरम के संस्थापक सेन्थिल कुमरन ने बीसीसीआई से विदर्भ मॉडल अपनाने की मांग की, जहां तीन साल का एजुकेशनल या क्लब रिकॉर्ड जरूरी है। सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पूर्व पत्रकार जगदीश उपासने ने इसे ‘बीसीसीआई की नाक के नीचे घोटाला’ बताया, जबकि एक्सप्रेस स्पोर्ट्स ने इसे ‘शॉर्टकट मार्केट’ कहा। गुजराती मैगजीन चित्रलेखा ने हिंदी में लिखा, “पैसे दो, टीम में घुसो।”
क्यों आकर्षक है पुडुचेररी?
रणजी ट्रॉफी खेलने से मैच फीस में 11.2 लाख तक कमाई, स्पोर्ट्स कोटा जॉब्स और आईपीएल के मौके मिलते हैं। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी व विजय हजारे ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन आईपीएल स्लॉट दिला सकता है। लेकिन स्थानीय प्रतिभाओं को मौका नहीं मिल रहा। जनसत्ता ने इसे ‘बड़ा घोटाला’ करार दिया, जहां ‘पैसा दो, टीम में घुसो।’
बीसीसीआई की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पूर्व खिलाड़ी उम्मीद कर रहे हैं कि यह जांच सिस्टम में सुधार लाएगी, वरना भारतीय क्रिकेट की ‘फेयरनेस’ की नींव हिल जाएगी।

