ग्रेटर नोएडा। यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने ऐसा गिरोह को खुलासा किया है जो अब तक अलग अलग बैंकों को दो-चार लाख नही बल्कि 100 करोड़ से अधिक का चूना लगा चुका है। ये गिरोह बिल्डर प्रोजेक्ट में इंवेस्ट और फ्लैट बायर्स के नाम पर लोन कराकर 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करके पैसा हड़प कर चुका है। एसटीएफ ने गिरोह के सरगना रामकुमार सहित आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें बैंक सेक्टर से जुड़े प्रशिक्षित पेशेवर, कंपनी सेक्रेटरी, एमबीए और विधि की पढ़ाई कर चुके सदस्य शामिल हैं। ये बिल्डर और बैंक कर्मियों से मिलीभगत करके वारदात को अंजाम देते थे।
ऐसे करते थे बैंकों से धोखाधड़ी
एसटीएफ नोएडा के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि एचडीएफसी बैंक के सीनियर अफसर ने फर्जी प्रोफाइल पर जारी लोन की शिकायत की थी। इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। सूरजपुर थाना क्षेत्र से गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि ये कई राज्यों में फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोगों की संपत्तियों पर करोड़ों रुपये का होम लोन करा चुके हैं।
गिरोह के बदमाशों से पुलिस को मिला ये सब
बता दें कि एसटीएफ ने इंदिरापुरम में रहने वाले गिरोह के सरगना रामकुमार समेत साहिबाबाद निवासी अनुज यादव, दिल्ली निवासी नितिन जैन व अशोक उर्फ दीपक, झारखंड निवासी मोहम्मद वसी, बिहार निवासी शमशाद आलम, गुरुग्राम के है। इनके पास से पुलिस ने 126 बैंक चेकबुक पासबुक, 170 डेबिट कार्ड, 45 आधार कार्ड, 27 पैन कार्ड, 5 वोटर आईडी, 26 मोबाइल, 3 लैपटॉप, 3 लग्जरी गाड़ियां और फर्जी रजिस्ट्री व एग्रीमेंट दस्तावेज बरामद किए हैं। टीम ने गिरोह से जुड़े 220 से अधिक बैंक खातों को भी फ्रीज कराया है।
इन फर्जी कागजों पर लेते थे फर्जी लोन
लोन लेने के लिए पकड़े गए बदमाश से पहले फर्जी बिल्डर, प्रोजेक्ट, निवेशक की प्रोफाइल बनाते थे फिर बैंक में जाकर निवेश या घर खरीदने के लिए लोन कराते थे। रकम खाते में आने के बाद गायब हो जाते थे। बिल्डरों से साठगांठ करके भी लोन कराते थे। आरोपी फर्जी नाम-पते से फ्लैट और मकानों का लोन प्रोसेसिंग कराते थे। कई बार लोन फर्जी फ्लैट या अस्तित्वहीन संपत्तियों के नाम पर भी पास करा लेते थे। गिरोह का नेटवर्क कई शहरों में फैला है।
मृत महिला के नाम पर भी लिया था 4.8 करोड़ का फर्जी लोन
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि गिरोह ने दिल्ली स्थित रतनावासुदेवा नाम की महिला की जगह शाहिदा अहमद को खड़ा किया और उनकी संपत्ति को सना उल्लाह अंसारी के नाम करा दिया। रतनावासुदेवा की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं, जालसाजों ने इस संपत्ति पर 4.8 करोड़ रुपये का होम लोन भी पास करा लिया।
गिरोह का सदस्य पहले से जेल में है बंद
बता दें कि गिरोह के एक सदस्य अनिल शर्मा को मार्च में दिल्ली की ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था। उसने एलआईसी हाउसिंग से 1.25 करोड़ रुपये का फर्जी होम लोन लेने के लिए नकली बैनामा कागज बनवाया था। यह मामला वर्तमान गैंग कनेक्शन से भी जुड़ा पाया गया है। एसटीएफ की जांच में सामने आया कि गिरोह की जड़ें नोएडा, लखनऊ, वाराणसी, हरिद्वार, चंडीगढ़, दिल्ली और गुरुग्राम तक फैली हैं। कई बिल्डरों पर भी मिलीभगत के संकेत मिले हैं। गिरोह ने 20 से अधिक शेल कंपनियां फर्जी व्यक्तियों के नाम से खोल रखी थीं। इन कंपनियों का उपयोग धोखाधड़ी से प्राप्त धन की निकासी करने और आगे ट्रांसफर करने में किया जाता था।
यह भी पढ़ें : SIR के लिए जेवर व जहांगीरपुर में विधायक धीरेन्द्र सिंह ने वोटरों को किया जागरुक

