Bengal Elections 2026: सर्वे में TMC की बढ़त, लेकिन BJP की हिंदू वोट एकीकरण रणनीति से मुकाबला होगा कड़ा

Bengal Elections 2026: पश्चिम बंगाल की राजनीति में 2026 विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। मार्च-अप्रैल 2026 में होने वाले इस चुनाव में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सीधी टक्कर तय है। हालिया सर्वेक्षणों से संकेत मिले हैं कि जनता अभी TMC और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पक्ष में झुकी हुई है, लेकिन BJP की ‘5% हिंदू वोट शिफ्ट’ वाली रणनीति और विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया से समीकरण बदल सकते हैं। क्या बंगाल की जनता ने ‘खुलकर बता दिया’ कि सरकार किसकी बनेगी? आइए, ताजा आंकड़ों और विश्लेषण से समझते हैं।

ममता बनर्जी अभी भी जनता की पहली पसंद
मीडिया और सी-वोटर के संयुक्त ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वे (अगस्त 2025) के अनुसार, पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन मजबूत हो रहा है, जबकि BJP को नुकसान हो रहा। सर्वे में 52% लोगों ने NDA सरकार के कामकाज से संतुष्टि जताई, लेकिन राज्य स्तर पर TMC को 41.7% समर्थन मिला, जो मुख्यमंत्री पद के लिए ममता बनर्जी को सबसे पसंदीदा बनाता है। वहीं, BJP के सुवेंदु अधिकारी को केवल 20.4% लोगों ने चुना।

एक अन्य सर्वे ‘वोट वाइब’ (जून 2025) में 34.4% लोगों ने ममता के खिलाफ सत्ता-विरोधी लहर की बात कही, लेकिन 51.8% ने माना कि BJP उन्हें हरा नहीं पाएगी। अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के आरोपों को 43.4% ने सही ठहराया, फिर भी TMC-कांग्रेस गठबंधन को 50% से ज्यादा लोग बेअसर मानते हैं।

ड्रिश्टिभंगी सर्वे (अप्रैल 2025) ने भी शुरुआती ट्रेंड में TMC को मजबूत दिखाया, जहां 2021 के 215 सीटों के मुकाबले वे 200+ सीटें हासिल कर सकती हैं। BJP को 2021 की 77 से घटकर 60-70 सीटें मिलने का अनुमान है। जनता के एक बड़े वर्ग ने ‘लोकप्रिय कल्याण योजनाओं’ के कारण TMC को वोट देने की बात कही, लेकिन भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था पर असंतोष भी उभरा।

एक्स (पूर्व ट्विटर) पर भी बहस गर्म है। एक यूजर ने TMC को 240 सीटें देते हुए BJP को 40 पर सीमित रखा, जबकि ज्योतिषी शर्मिष्ठा ने BJP की सीटें सीमित बताईं। लेकिन कोलकाता हाई कोर्ट क्लब चुनाव में BJP की 7-10 जीत ने TMC को झटका दिया, जिसे ‘मिनी एग्जिट पोल’ करार दिया जा रहा है।

BJP की नई रणनीति
BJP ने ‘मिशन बंगाल 2026’ के तहत हिंदू वोट एकीकरण पर दांव लगाया है। नेता सुवेंदु अधिकारी का दावा है कि अगर 5% हिंदू वोट TMC से शिफ्ट हो जाएं, तो BJP सत्ता हासिल कर लेगी। नारा है- ‘हिंदू हिंदू भाई भाई, 2026 BJP चाही’। वक्फ एक्ट विवाद और CAA कैंप (700 प्रस्तावित) से ध्रुवीकरण बढ़ा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों से फीडबैक लिया और कहा, ‘हमें ये चुनाव जीतना ही है!’ मुस्लिम आउटरीच भी शुरू, लेकिन फोकस हिंदू-आदिवासी वोट पर। रेडिट थ्रेड्स में यूजर्स BJP की लीडरशिप (दिलीप घोष, सुवेंदु) पर सवाल उठा रहे, लेकिन 2024 लोकसभा में TMC की वोट शेयर बढ़त से उत्साह है।

SIR प्रक्रिया
चुनाव आयोग की SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिव्यू) ने विवाद खड़ा कर दिया। TMC का आरोप है कि ये ‘साइलेंट इनविजिबल रिगिंग’ है, जो अवैध घुसपैठियों को मतदाता सूची से हटाने का बहाना है। 14,000 नए बूथ बनेंगे, और सरकारी कर्मचारी स्वयंसेवक बनेंगे। ममता और राहुल गांधी ने विरोध किया, लेकिन BJP इसे ‘डर मुक्त चुनाव’ बता रही। उपचुनावों में TMC की क्लीन स्वीप (6/6 सीटें) ने हौसला बढ़ाया, लेकिन SIR से वोट बैंक खिसकने का डर है।

विकास vs पहचान की राजनीति
बंगाल की जनता विकास, रोजगार और प्रवासियों के मुद्दों पर बंटी है। उत्तर बंगाल की 54 सीटों पर BJP मजबूत, दक्षिण में TMC। X पर पोस्ट्स से साफ है कि युवा ‘परिवर्तन’ चाहते हैं, लेकिन महिलाएं TMC की योजनाओं से बंधीं। क्या SIR और हिंदू एकीकरण BJP को फायदा देंगे, या ममता का ‘बंगाली अस्मिता’ नारा काम आएगा?

विश्लेषकों का मानना है कि अगर TMC गठबंधन मजबूत रखे, तो 200+ सीटें पक्की। लेकिन BJP की राष्ट्रीय लहर (बिहार 2025 जीत के बाद) बंगाल तक पहुंचे, तो खेल पलट सकता है।
बंगाल की जनता ने अभी ‘खुलकर’ कुछ नहीं कहा, लेकिन सर्वे साफ बता रहे हैं- मुकाबला कड़ा होगा। क्या ‘खेला’ जारी रहेगा या ‘परिवर्तन’ आएगा? 2026 का फैसला इंतजार कराएगा।

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