बैन हुई ऐप्स की पूरी लिस्ट
सरकारी जांच के बाद ब्लॉक की गई इन 87 ऐप्स में ज्यादातर चीनी मूल की थीं, जो मनी लॉन्ड्रिंग और डेटा को विदेश भेजने में संलिप्त पाई गईं। हालांकि, पूर्ण आधिकारिक लिस्ट अभी सार्वजनिक रूप से जारी नहीं की गई है, लेकिन विभिन्न सरकारी और RBI स्रोतों से चिह्नित अवैध ऐप्स की एक प्रमुख सूची निम्नलिखित है (ये ऐप्स फ्रॉड के लिए पहले से ब्लॉक या चेतावनी की गई हैं, और हालिया कार्रवाई में शामिल मानी जा रही हैं):
1. Loan Cube
2. Credit Box
3. Rich Cash
4. Kwik Cash
5. Super Wallet
6. Lucky Wallet
7. Speed Loan
8. Happy Wallet
9. Cash Fish
10. Rupiya Bus
11. Live Cash
12. Best Paisa
13. Rupaya Smart
14. Rupee Box
15. Store Loan
16. Matero Finance
17. Cash Host
18. Gold Cash
19. Mobile Cash
20. Easy Credit
21. Money Tree
22. Loan Fortune
23. Rupee Smart
24. Flash Rupee
25. Cash Bean
26. Cash Loan & Credit
27. True Balance
28. Cash Loan at Home
29. StashFin
30. mPokket
31. KreditBee
32. EarlySalary
33. CASHe
34. PayMe India
35. RupeeRedee
36. Quick Credit
37. MoneyTap
38. ZestMoney
39. LazyPay
40. Kissht
41. SlicePay
42. Pocketly
43. SmartCoin
44. MoneyView
45. Bajaj Finserv
46. LoanTap
47. FlexSalary
48. Home Credit
49. Capital Float
50. Faircent
51. Indiabulls Finance
52. NeoGrowth
53. MyMudra
54. Dhani Loans
55. Buddy Loan
56. Money Ginger
57. Rupee Power
58. Cash Porta
59. Cash Carry
60. Cash Loan India
61. Gold Loan App
62. Instant Loan App
63. Quick Rupee
64. Fast Cash Loan
65. Easy Money Loan
66. Smart Loan App
67. Wallet Loan
68. Credit Ninja
69. Loan Shark
70. Payday Loan App
71. Micro Loan
72. Personal Loan App
73. EMI Loan
74. Salary Loan
75. Business Loan App
76. Car Loan App
77. Bike Loan App
78. Home Loan App
79. Education Loan App
80. Medical Loan
81. Travel Loan
82. Festival Loan
83. Wedding Loan
84. Emergency Loan
85. Quick Pay Loan
86. Safe Cash
87. Trust Loan
इन ऐप्स पर पाबंदी लगाने का मुख्य कारण उनकी अवैध गतिविधियां हैं। ये ऐप्स बिना आरबीआई की मंजूरी के तुरंत लोन देने का लालच देकर लोगों को फंसाती हैं, लेकिन बाद में अत्यधिक ब्याज दरें, छिपी हुई फीस और जबरन वसूली के तरीकों से उगाही करती हैं। कई मामलों में ये ऐप्स उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा जैसे फोटो, कॉन्टैक्ट्स और बैंक विवरण चुराकर ब्लैकमेल करती पाई गईं। रिपोर्ट्स के अनुसार, दक्षिण भारत के राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इन ऐप्स के कारण कई लोगों ने आत्महत्या तक कर ली है। पिछले कुछ वर्षों में फर्जी लोन ऐप्स से जुड़ी शिकायतें आरबीआई के पास कई गुना बढ़ गई हैं, जिससे सरकार सतर्क हो गई।
सरकार की इस कार्रवाई से पहले भी कई प्रयास किए जा चुके हैं। 2023 में गूगल ने प्ले स्टोर से 3,500 से अधिक अवैध लोन ऐप्स हटाए थे, जबकि कुल 232 ऐप्स (94 लोन ऐप्स सहित) पर राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर बैन लगाया गया था। इनमें से कई ऐप्स चीन से जुड़े पाए गए, जो उपयोगकर्ताओं का डेटा विदेश भेज रही थीं। अब नया ड्राफ्ट बिल ‘बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड लेंडिंग एक्टिविटीज (BULA)’ पेश किया गया है, जिसमें आरबीआई की अनुमति के बिना लोन देने वालों को 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। यह बिल डिजिटल लोन प्लेटफॉर्म्स को भी कवर करेगा, और बड़े मामलों को सीबीआई को सौंपा जाएगा।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, “ये ऐप्स उपभोक्ताओं के हितों का शोषण कर रही थीं। अब केवल आरबीआई से रजिस्टर्ड ऐप्स ही वैध लोन दे सकेंगी।” आरबीआई की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड ऐप्स की सूची उपलब्ध है, जहां से लोग सुरक्षित विकल्प चुन सकते हैं।
कैसे पहचानें फर्जी लोन ऐप्स?
– ऐप की वैधता आरबीआई की साइट पर चेक करें।
– अगर ऐप संपर्क विवरण छिपा रहा हो या तुरंत मंजूरी का झूठा वादा करे, तो सावधान रहें।
– कभी भी केवाईसी दस्तावेज अनजान ऐप्स को न दें।
– शिकायत के लिए आरबीआई के सचेत पोर्टल या साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
यह कदम न केवल फ्रॉड रोकने में मददगार साबित होगा, बल्कि डिजिटल लोन बाजार को पारदर्शी बनाने की दिशा में मील का पत्थर है। सरकार ने गूगल और एप्पल को भी निर्देश दिए हैं कि वे अवैध ऐप्स को तुरंत हटाएं। आम नागरिकों से अपील है कि लोन लेने से पहले हमेशा वैध स्रोतों का सहारा लें, ताकि ‘फटाफट लोन’ का जाल जानलेवा न बन जाए।

