Delhi Pollution Crisis News: दिल्ली प्रदूषण संकट पर विपक्ष का जोरदार विरोध, केंद्र पर ‘कार्रवाई न करने’ का आरोप

Delhi Pollution Crisis News: संसद के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन विपक्षी दलों ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर संसद भवन परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ऑक्सीजन मास्क पहनकर सांसदों ने ‘मौसम का मजा लीजिए’ का बैनर थामकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित बयान का मजाक उड़ाया और केंद्र सरकार पर ‘सिर्फ सलाह देने’ का आरोप लगाया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में विपक्ष ने प्रदूषण को ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल’ घोषित करने की मांग की।

संसद भवन के मकर द्वार के सामने सुबह 10 बजे शुरू हुए प्रदर्शन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और अन्य दलों के सांसद शामिल हुए। वे काले झंडे लहराते हुए नारे लगा रहे थे: ‘प्रदूषण से जंग लड़ेगी, संसद साथ आएगी!’। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 299 के पार पहुंच गया है, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। बच्चे, बुजुर्ग और सांसदों का स्वास्थ्य खतरे में है, फिर भी सरकार ‘समितियां गठित करने’ तक सीमित है। सोनिया गांधी ने कहा, “यह प्रदूषण सिर्फ मौसम की समस्या नहीं, बल्कि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। सरकार को तत्काल राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करना चाहिए।”

लोकसभा में कांग्रेस सांसदों मणिक्कम टैगोर, मनीष तिवारी और विजयकुमार विजय वासंथ ने स्थगन प्रस्ताव पेश किए, जिसमें उत्तर भारत के प्रदूषण पर चर्चा की मांग की गई। टैगोर ने नोटिस में लिखा, “सरकार सलाहकारियां जारी कर रही है, लेकिन कोई ठोस राष्ट्रीय रणनीति नहीं। प्रदूषण से कैंसर, किडनी रोग और डायबिटीज जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं।” हालांकि, स्पीकर ओम बिरला ने इन प्रस्तावों को खारिज कर दिया, जिस पर विपक्ष ने नारेबाजी की।

राज्यसभा में भी प्रदूषण पर बहस, लेकिन चर्चा की अनुमति नहीं
राज्यसभा में विपक्ष ने नियम 267 के तहत प्रदूषण पर चर्चा की मांग की, लेकिन सभापति सी.पी. राधाकृष्णन ने स्पष्ट किया कि केवल लोकसभा को स्थगन नोटिस का संवैधानिक अधिकार है। राज्यसभा सदस्यों को केवल सूचीबद्ध विषयों पर ही चर्चा की अनुमति है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपत्ति जताई, “आप सर्वोच्च हैं, नियम बदल सकते हैं। हमें महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने दें।” इसके बावजूद, सदन में प्रदूषण और विशेष निवेश क्षेत्र (SIR) पर बहस हुई, जहां विपक्ष ने केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाए।
एक सांसद ने दिल्ली को ‘गैस चैंबर’ बताते हुए सत्र स्थगित करने की मांग की, लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर दिया।

अन्य प्रमुख चर्चाएं और विधेयक
• अमेरिका में छात्र वीजा रद्दीकरण: राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अमेरिका की नई नीति के तहत सोशल मीडिया पोस्ट्स पर छात्र वीजा रद्द हो रहे हैं। “वीजा जारी करना अमेरिका का संप्रभु अधिकार है। हमने कई मामलों में हस्तक्षेप किया है।”
• नीट कोचिंग और छात्रवृत्ति: लोकसभा में मणिक्कम टैगोर ने गरीब छात्रों की कोचिंग फीस की समस्या उठाई। राज्यसभा में चंद्रकांत हंडोर ने एससी/एसटी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति सीमा 1.25 लाख से बढ़ाकर 8 लाख करने की मांग की।
• पेयजल और सड़क परियोजनाएं: सेलजा कुमारी ने हरियाणा के गांवों में पानी की कमी का मुद्दा उठाया। नितिन गडकरी ने केरल में राष्ट्रीय राजमार्ग भूमि अधिग्रहण की चुनौतियों का जिक्र किया।
• स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा सेस विधेयक: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में इस विधेयक को पेश किया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए सेस लगाने का प्रावधान करता है।

समवर्ती चुनाव विधेयक पर कानून आयोग की राय
कानून आयोग ने संसदीय संयुक्त समिति को बताया कि समवर्ती चुनाव विधेयक के लिए राज्यों की 50% मंजूरी जरूरी नहीं। यह संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है। आयोग आज समिति को और जानकारी देगा।

विपक्ष का प्रदर्शन सत्र के तीसरे दिन भी जारी रहा था, जब लोकसभा ने तंबाकू पर उच्च उत्पाद शुल्क विधेयक पारित किया। संसद के 15 दिवसीय सत्र में 13 विधेयक लंबित हैं, लेकिन प्रदूषण जैसे मुद्दों पर तनाव बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली का प्रदूषण फसल अवशेष जलाने, वाहनों और उद्योगों से जुड़ा है, जिसके लिए केंद्र-राज्य समन्वय जरूरी है।

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