मृतक मुरली गोविंदराजू ने अपनी 10 पेज की सुसाइड नोट में शशि नंबियार (64) और उषा नंबियार (57) दंपति तथा ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी (जीबीए, पूर्व में बीबीएमपी) के कुछ अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने दंपति को गिरफ्तार कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
मुरली, जो इंटरनेशनल टेक पार्क (आईटीपीएल) में एक प्राइवेट सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते थे, दो नाबालिग बेटियों के पिता थे। वह ब्रुकबॉन्ग लेआउट में रहते थे और नल्लुरहल्ली क्षेत्र में अपना ‘ड्रीम होम’ बना रहे थे। घटना बुधवार सुबह करीब 6 बजे हुई, जब वह घर से निकले और निर्माणाधीन मकान की दूसरी मंजिल पर फंदे से लटके पाए गए। उनकी मां लक्ष्मी गोविंदराजू (61) ने बताया कि बेटा उगाही की आखिरी डेडलाइन के दबाव में घर से गया था।
विवाद की शुरुआत 2018 से
परिवार के अनुसार, विवाद 2018 में तब शुरू हुआ जब मुरली ने नंबियार दंपति के रिश्तेदार से 40×60 वर्ग फुट की जमीन खरीदी। जब उन्होंने निर्माण शुरू किया, तो नंबियार दंपति ने भवन निर्माण योजना के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए 20 लाख रुपये की मांग की। मना करने पर उषा नंबियार ने जीबीए अधिकारियों को शिकायत की, जिसके बाद मुरली को बार-बार नोटिस जारी किए गए, साइट इंस्पेक्शन कराए गए और उन्हें बीबीएमपी कार्यालय, पुलिस स्टेशन तथा अदालत के चक्कर लगाने पड़े। सुसाइड नोट में मुरली ने लिखा कि पड़ोसी दंपति ने ‘चुप्पी के बदले’ 20 लाख मांगे और अधिकारियों को उकसाकर उन्हें ‘प्रताड़ित’ किया। लक्ष्मी ने शिकायत में कहा, “उन्होंने मेरे बेटे को इतना तोड़ा कि वह टूट गया।”
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नंबियार दंपति का यह ‘तरीका’ पुराना है। उषा खुद को ‘एक्टिविस्ट’ बताकर निर्माण कार्यों पर शिकायतें दर्ज कराती रहती हैं और इसी बहाने उगाही करती हैं। व्हाइटफील्ड पुलिस ने नंबियार दंपति के बेटे वरुण को भी गिरफ्तार करने की कोशिश की है, जो फरार है।
पुलिस कार्रवाई और जांच
व्हाइटफील्ड पुलिस स्टेशन में लक्ष्मी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। नंबियार दंपति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 308 (उगाही) के तहत केस दर्ज हुआ। दोनों को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस जीबीए अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है और अन्य पीड़ितों से शिकायतें दर्ज कराने का आग्रह कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “नल्लुरहल्ली क्षेत्र में कई लोग इसी तरह की शिकायतें कर चुके हैं। हम सभी को न्याय दिलाएंगे।”
परिवार का दर्द
लक्ष्मी ने मीडिया से कहा, “मेरा बेटा सब कुछ करने को तैयार था, लेकिन यह दबाव असहनीय हो गया।” मुरली की पत्नी और बेटियों का कोई बयान अभी सामने नहीं आया है। यह घटना बेंगलुरु के तेजी से बढ़ते शहरीकरण और निर्माण विवादों के बीच अधिकारियों तथा स्थानीय ‘एक्टिविस्टों’ द्वारा होने वाले उत्पीड़न की समस्या को उजागर करती है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऐसी घटनाओं की जानकारी दें ताकि समय रहते कार्रवाई हो सके।
यह मामला बेंगलुरु में निर्माण और भूमि विवादों से जुड़ी मानसिक तनाव की बढ़ती प्रवृत्ति को रेखांकित करता है, जहां साधारण नागरिक अक्सर जाल में फंस जाते हैं। जांच जारी है।

