सीएम ने क्यो कहा ‘चिकन नहीं खाते जीवन में सब कुछ गंवा रहे हो’

Karnataka Chief Minister News: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच जारी ‘ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी’ ने एक मजेदार मोड़ ले लिया। मंगलवार को डीके के सदाशिवनगर स्थित निवास पर हुए ‘ब्रेकफास्ट 2.0’ के दौरान सीएम ने एक महिला रिपोर्टर से चिकन पसंद करने के बारे में पूछा, तो मिला एक शाकाहारी जवाब। सिद्धारमैया ने हंसते हुए कहा, “आप जीवन में कुछ गंवा रही हैं।” यह हल्की-फुल्की बातचीत सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और पार्टी की आंतरिक एकता को मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा बनी हुई है।

घटना उस समय घटी जब सिद्धारमैया डीके शिवकुमार के घर पहुंचे। पहला ब्रेकफास्ट सीएम के निवास पर शाकाहारी था, जिसमें इडली-सम्बर और उपमा सर्व किया गया था। लेकिन इस बार डीके की पत्नी उषा शिवकुमार ने मायसूर स्टाइल में पारंपरिक नॉन-वेज व्यंजन तैयार किए। मेन्यू में नाटी कोली साaru (देशी चिकन करी), नाटी कोली फ्राई, इडली, वड़ा और पोंगल शामिल थे। डीके ने खुद बताया कि उन्होंने गांव से चिकन मंगवाया था, क्योंकि “मूल स्वाद यहीं मिलता है।” सिद्धारमैया, जो खुद शाकाहारी हैं, ने भी इस ब्रेकफास्ट का आनंद लिया।

मीडिया को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने मुस्कुराते हुए एक महिला पत्रकार की ओर रुख किया और पूछा, “आपको चिकन पसंद है?” रिपोर्टर ने सहजता से जवाब दिया, “नहीं सर, मैं शुद्ध शाकाहारी हूं।” सीएम ने उत्सुकता से पूछा, “शुद्ध का मतलब? क्या अंडा खाती हो?” जब रिपोर्टर ने नकारात्मक जवाब दिया, तो सिद्धारमैया ने ठहाका लगाते हुए कहा, “तो आप जीवन में कुछ गंवा रही हैं।” यह बातचीत मौके पर मौजूद लोगों को हंसाने पर मजबूर कर गई।

यह ब्रेकफास्ट मीटिंग कर्नाटक कांग्रेस में चल रही सत्ता की जंग के बीच एकता का संदेश देने के लिए आयोजित की गई थी। हाल ही में मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों नेताओं के बीच तनाव की खबरें आई थीं, लेकिन यह मुलाकात इन अफवाहों को खारिज करने का प्रयास लगती है। डीके शिवकुमार ने स्वागत किया और उनके भाई, पूर्व सांसद डीके सुरेश भी मौजूद थे। सिद्धारमैया ने कहा, “डीके भविष्य में मुख्यमंत्री बनेंगे, जब समय आएगा।”

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह ‘ब्रेकफास्ट सीरीज’ पार्टी को मजबूत करने का एक रचनात्मक तरीका है। सोशल मीडिया पर यूजर्स इस घटना को ‘चिकन डिप्लोमेसी’ कहकर मजाक उड़ा रहे हैं, लेकिन अधिकांश इसे सकारात्मक मान रहे हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के लिए यह एकता महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

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