एफडीए ने कोविड वैक्सीन से 10 बच्चों की मौतों को जोड़ा, वैक्सीन अनुमोदन?

US Food and Drug Administration News: अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने एक आंतरिक मेमो में दावा किया है कि कोविड-19 वैक्सीन से कम से कम 10 बच्चों की मौतें जुड़ी हुई हैं। इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद एफडीए ने वैक्सीन ट्रायल्स और अनुमोदन प्रक्रिया को और सख्त बनाने का फैसला किया है। हालांकि, विशेषज्ञों ने इस निष्कर्ष पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि बिना ठोस सबूत के यह दावा गैर-जिम्मेदाराना है।

एफडीए के वैक्सीन डिवीजन के प्रमुख डॉ. विनय प्रसाद ने शुक्रवार को जारी मेमो में लिखा, “ये मौतें वैक्सीन से जुड़ी हैं (संभावित/संभाव्य/संभावना पर आधारित एफडीए स्टाफ का आकलन)।” मेमो के अनुसार, 2021 से 2024 के बीच वैक्सीन एडवर्स इवेंट रिपोर्टिंग सिस्टम (वीएईआरएस) में दर्ज 96 मौतों की जांच में पाया गया कि कम से कम 10 मामलों में कोविड वैक्सीन का हाथ था। डॉ. प्रसाद ने इसे “गहन खुलासा” बताया और कहा कि पहली बार एफडीए अमेरिकी बच्चों की मौतों को कोविड वैक्सीन से जोड़ रही है।

मौतों का कारण
मेमो में संकेत दिया गया है कि ये मौतें हृदय की मांसपेशियों में सूजन (मायोकार्डाइटिस) से जुड़ी हो सकती हैं, जो कोविड वैक्सीन का एक दुर्लभ लेकिन ज्ञात साइड इफेक्ट है। डॉ. प्रसाद ने लिखा, “7 से 16 साल के बच्चों की मौतें पढ़ना कठिन है, जो कोविड वैक्सीन के कारण हो सकती हैं।” हालांकि, मेमो में बच्चों की उम्र, स्वास्थ्य स्थिति, वैक्सीन निर्माता (जैसे फाइजर या मॉडर्ना) या मौतों के समयरेखा जैसी कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई। यह विश्लेषण डॉ. ट्रेसी बेथ होएग की अगुवाई में किया गया, जो वैक्सीन संशयवादी के रूप में जानी जाती हैं।

एफडीए कमिश्नर मार्टी मकार्य ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, “बुजुर्गों और जोखिम वाले लोगों के लिए कोविड वैक्सीन शानदार रही, खासकर जब यह घूम रहे वायरस से मेल खाती थी।” लेकिन उन्होंने बूस्टर शॉट्स की सिफारिश पर सवाल उठाते हुए कहा, “बिना डेटा के चीजों को रबर-स्टैंप करना विज्ञान का मजाक है।” मकार्य ने वादा किया कि मौतों से जुड़ी जानकारी जल्द सार्वजनिक की जाएगी, जो बाइडेन प्रशासन के दौर में छिपाई गई थी।

नई नीतियां
इस मेमो के आधार पर एफडीए ने वैक्सीन अनुमोदन प्रक्रिया में बड़े बदलावों का ऐलान किया है:
• बड़े ट्रायल्स अनिवार्य: वैक्सीन कंपनियों को अनुमति से पहले बड़े पैमाने पर अध्ययन करने होंगे।
• सुरक्षा के सख्त प्रमाण: गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए नई प्रतिबंध।
• वार्षिक वैक्सीन प्रभावित: फ्लू शॉट जैसी रूटीन वैक्सीनों के मानकों में बदलाव, जो बहु-वैक्सीन शेड्यूल को सीमित कर सकता है।
• आपातकालीन अनुमति पर पुनर्विचार: कोविड जैसी महामारी में तेज अनुमति प्रक्रिया पर सवाल।
ये बदलाव न केवल कोविड वैक्सीन बल्कि अन्य श्वसन संबंधी वैक्सीनों को भी प्रभावित करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे वैक्सीन विकास महंगा और लंबा हो जाएगा, जो महामारी के दौरान चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

विशेषज्ञों की आलोचना
सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह वैज्ञानिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। यूसी लॉ सैन फ्रांसिस्को की प्रोफेसर डोरिट रीस ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “डॉ. प्रसाद वैक्सीन विशेषज्ञ नहीं हैं, फिर भी बिना प्रकाशित जांच के बदलाव सुझा रहे हैं। यह एफडीए की सामान्य प्रक्रिया के विपरीत है।”

जॉन्स हॉपकिन्स सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी के डॉ. अमेश अडाल्जा ने एबीसी न्यूज को बताया, “मेमो में कोई मेडिकल डेटा नहीं है। मौतों का कारण बताने के लिए उम्र, वैक्सीन प्रकार, अंतर्निहित बीमारियां और कारण संबंधी विश्लेषण की जरूरत है। यह एंटी-वैक्सीन भावनाओं को बढ़ावा देगा और मुद्दे को राजनीतिक बनाएगा।”

मॉडर्ना ने बयान जारी कर कहा कि 90 से अधिक देशों के नियामकों के साथ निगरानी में कोई नई सुरक्षा चिंता नहीं पाई गई। कंपनी ने जोर दिया कि उनके वैक्सीन की सुरक्षा पर कई पीयर-रिव्यूड अध्ययन उपलब्ध हैं। सीडीसी के डेटा के अनुसार, 2020 से 2023 तक 5-18 साल के 1,071 बच्चे कोविड से मरे, जबकि वैक्सीन से जुड़ी मौतें बेहद दुर्लभ हैं।

सोशल मीडिया पर बहस
एक्स पर इस मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। कुछ यूजर्स ने इसे “खुलासा” बताते हुए वैक्सीन अनिवार्यता की आलोचना की, जबकि अन्य ने इसे “गैर-वैज्ञानिक” करार दिया। एक पोस्ट में लिखा गया, “यह आइसबर्ग का सिर्फ टिप है,” जबकि एक विशेषज्ञ ने कहा, “बिना डेटा के यह खतरनाक है।” सीडीसी की वैक्सीन समिति अगले सप्ताह बैठक करेगी, जहां इस पर चर्चा संभव है।

एबीसी न्यूज ने एफडीए और स्वास्थ्य विभाग से टिप्पणी मांगी है, लेकिन अभी कोई जवाब नहीं मिला। यह मामला वैक्सीन विश्वास और नियामक प्रक्रिया पर गहन बहस छेड़ सकता है।

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