सेन्गोट्टायन ने अपने समर्थकों के साथ चेन्नई के पनैयुर स्थित टीवीके मुख्यालय में प्रवेश किया, जहां विजय ने उन्हें पार्टी का शॉल ओढ़ाकर गर्मजोशी से स्वागत किया। विजय ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी कर कहा, “20 साल की उम्र में एमजीआर के आंदोलन में शामिल हुए सेन्गोट्टायन ने जयललिता और अन्य नेताओं के साथ 50 साल तक एआईएडीएमके की सेवा की। उनकी राजनीतिक यात्रा और क्षेत्रीय अनुभव टीवीके के लिए बड़ी ताकत साबित होंगे। मैं उन्हें और उनके साथ आए सभी समर्थकों का स्वागत करता हूं।”
सेन्गोट्टायन को पार्टी में वरिष्ठ पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें विशेष रूप से कोंगु क्षेत्र (पश्चिमी तमिलनाडु) में संगठनात्मक कार्य और विजय के चुनावी अभियान की रणनीति शामिल होगी।
पृष्ठभूमि
77 वर्षीय सेन्गोट्टायन 1977 में एमजीआर के समय पहली बार विधायक बने थे और जयललिता सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वे गौंडर समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं, जो एआईएडीएमके का पारंपरिक वोट बैंक रहा है। अक्टूबर में पार्टी महासचिव एडाप्पादी के. पलानीस्वामी ने उन्हें निष्कासित कर दिया, क्योंकि उन्होंने निष्कासित नेताओं ओ. पन्नीरसेल्वम, टीटीवी धिनाकरन और वी.के. शशिकला से रामनाथपुरम में मुलाकात की और पार्टी एकीकरण की मांग की।
निष्कासन के बाद सेन्गोट्टायन ने भावुक विदाई ली – वे एआईएडीएमके के झंडे से सजी कार में सवार हुए, जहां उनकी बांह पर पार्टी का झंडा टैटू था और जेब में जयललिता की फोटो रखी हुई थी। 26 नवंबर को उन्होंने गोबीचेट्टिपालयम से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। एआईएडीएमके ने इस कदम को खारिज करते हुए कहा कि “कोई व्यक्ति पार्टी से बड़ा नहीं होता। सेन्गोट्टायन का प्रभाव केवल उनके निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित है।”
राजनीतिक प्रभाव
यह सेन्गोट्टायन का प्रवेश टीवीके के लिए मील का पत्थर है, जो करूर रैली में हुई भगदड़ (जिसमें 41 लोगों की मौत हुई) के बाद संगठनात्मक कमजोरियों का सामना कर रही है। सेन्गोट्टायन की रणनीतिक क्षमता से पार्टी को मजबूती मिलेगी, खासकर कोंगु बेल्ट में। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे एआईएडीएमके का वोट बैंक बंटेगा और टीवीके तीसरे मोर्चे के रूप में उभरेगी। इससे टीवीके-एआईएडीएमके गठबंधन की अटकलें भी समाप्त हो गईं, जो डीएमके के लिए खतरा बन सकती थीं।
सेन्गोट्टायन ने कहा, “मैंने एमजीआर और जयललिता के सिद्धांतों पर चलते हुए राजनीति की। अब टीवीके के माध्यम से जनता की सेवा जारी रखूंगा।” विजय ने उन्हें सीधे रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है।
यह घटना 2026 चुनावों से पहले तमिलनाडु की राजनीति को एक गर्म हवा दे रही। क्या टीवीके अब डीएमके और एआईएडीएमके को कड़ी टक्कर दे पाएगी? आने वाले दिनों में इसका जवाब मिलेगा।

