जुबिन गर्ग (52 वर्षीय) की मौत 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में समुद्र में तैरते हुए हुई थी। शुरुआत में सिंगापुर प्रशासन ने इसे सामान्य डूबने का हादसा बताया था और आधिकारिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण “पानी में डूबना” ही दर्ज किया गया। लेकिन असम सरकार ने संदेह जताते हुए दूसरा पोस्टमॉर्टम कराया, जिसमें संदिग्ध परिस्थितियां सामने आईं। अब विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इसे हत्या का मामला मानते हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जांच में अब तक के प्रमुख खुलासे
असम पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के नेतृत्व में गठित नौ सदस्यीय एसआईटी ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें शामिल हैं:
• सिद्धार्थ शर्मा: जुबिन के निजी मैनेजर, जिन पर हत्या, आपराधिक साजिश और लापरवाही का आरोप।
• श्यामकानू महंता: सिंगापुर में आयोजित “नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल” के आयोजक, जो पूर्व डीजीपी भास्कर ज्योति महंता के भाई हैं।
• शेखर ज्योति गोस्वामी: जुबिन के बैंडमेट, जिन्होंने गिरफ्तारी के बाद दावा किया कि जुबिन को उनके मैनेजर और आयोजक ने जहर देकर मारा गया।
• अमृत प्रभा महंता: सह-गायिका।
• संदीपन गर्ग: जुबिन के चचेरे भाई और असम पुलिस के डीएसपी।
• नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्या: जुबिन के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ), जिनके खातों में 1.1 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेन-देन मिले।
एसआईटी ने 252 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं और 29 महत्वपूर्ण वस्तुएं जब्त की हैं। जांच में पता चला कि सिंगापुर में म्यूजिक फेस्टिवल के बाद एक पार्टी के दौरान जुबिन के पेय पदार्थ में जहर मिलाया गया था। अगले दिन उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें मृत पाया गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में जुबिन को लाइफ जैकेट के साथ और बिना उसके पानी में जाते दिखाया गया है, जो साजिश की ओर इशारा करता है। एक बैंडमेट ने दावा किया कि मौत को हादसा दिखाने की साजिश रची गई थी।
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि प्रारंभिक जांच के तीन दिनों के अंदर ही हत्या के आरोप जोड़े गए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (एमएलएटी) के तहत सिंगापुर से सहयोग मांगा है। 4 नवंबर को सिंगापुर ने आवश्यक दस्तावेज सौंपे, जिसमें ऑटोप्सी रिपोर्ट और मेडिकल रिकॉर्ड शामिल हैं। एसआईटी ने 20 अक्टूबर को सिंगापुर का दौरा कर घटनास्थल का मुआयना किया।
न्यायिक जांच और समयसीमा
असम सरकार ने गौहाटी हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सौमित्र सैकिया के नेतृत्व में एकल सदस्यीय न्यायिक आयोग भी गठित किया है। आयोग ने साक्ष्य जमा करने और बयान दर्ज करने की अंतिम तिथि 12 दिसंबर तक बढ़ा दी है। सीएम ने कहा कि “वाटरटाइट” चार्जशीट 8 दिसंबर तक दाखिल की जाएगी, जबकि मूल समयसीमा 17 दिसंबर है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीएनएसएस की धारा 208 के तहत अभियोजन की मंजूरी दी है, जिससे आरोपी बनाम आरोपी के बीच मुकदमा चल सकेगा।
राज्य में गुस्सा और राजनीतिक रंग
जुबिन गर्ग की मौत के बाद असम ठप हो गया था—स्कूल बंद, दुकानें शटरडाउन। 40 से अधिक भाषाओं में गाने गाने वाले इस सितारे की मौत पर लाखों प्रशंसक सदमे में हैं। सोशल मीडिया पर #JusticeForZubeenGarg ट्रेंड कर रहा है। विपक्षी नेता रिपुन बोरा ने आरोप लगाया कि आरोपी भाजपा से जुड़े हैं और जांच में ढिलाई बरती जा रही है। लेकिन सीएम सरमा ने कहा, “हम किसी को बचाने नहीं देंगे। यह हत्या का केस पहले दिन से था।”
एसआईटी ने 60 से अधिक एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें हत्या, गैर-इरादतन हत्या, साजिश और लापरवाही के आरोप हैं। जांच में वित्तीय अनियमितताएं भी सामने आई हैं, जिसमें पीएसओ के खातों के लेन-देन भी प्रमुख रूप से हैं। पूर्वोत्तर भारत के सांस्कृतिक आइकन जुबिन की मौत ने न केवल प्रशंसकों को झकझोरा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच के सहयोग की मिसाल भी कायम की है।

