Greater Noida News: यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने शहर को बसाने के लिए अब डंडा चलाना शुरू कर दिया है। औद्योगिक भूखंड लेकर बैठे आवंटियों पर सख्त रूख अपनाया जा रहा है। दरअसल, औद्योगिक भूखंडों के आवंटन के 10 साल बाद भी लीज डीड और नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी नही की गई है। प्राधिकरण ने निर्माण शुरू नहीं करने वाले 366 आवंटियों को नोटिस जारी 30 दिन में लीज डीड कराने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। जारी नोटिस में लीड डीड कराने के बाद निर्माण कार्य शुरू करने को कहा गया है। सीईओ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि कई बार आवंटियों को चेतावनी दी जा चुकी है। न तो लीज डी करा करहे है और न ही निर्माण कार्य कर रहे है। करीब 95 फीसदी विकास कार्य पूरे होने के बाद भी प्लॉट खाली पड़े हैं। उद्योग शुरू नहीं होने से विकास का उद्देश्य भी पूरा नहीं हो रहा है। सीईओ आरके सिंह ने बताया कि बोर्ड ने ऐसे आवंटन तुरंत निरस्त करने के आदेश दिए हैं। केवल निवेश के लिए औद्योगिक भूखंड का आवंटन नहीं किया जा सकता है। आवंटन कराने की शर्त में ही यह शामिल है कि तय समय सीमा में निर्माण पूरा कर वहां उद्योग शुरू करने होंगे। इससे ही स्थानीय स्तर पर जहां रोजगार उपलब्ध होगा। वहीं प्रदेश का औद्योगिक विकास भी तेजी से होगा।
एसोसिएशन आरोप, कब्जा नही दे रहा प्राधिकरण
जैसे ही नोटिस की आवंटियों को सूचना मिली तो यमुना एक्सप्रेसवे एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल सीईओ से मिलने पहुंचा। एसोसिएशन के सचिव इमरान गनी ने कहा कि वर्ष 2013 में आवंटन के बाद से सैकड़ों आवंटी सेक्टर-32 और 33 में भूखंड पर कब्जा मिलने का इंतजार कर रहे हैं। 100 से अधिक आवंटी लीज डीड कराने के इच्छुक हैं लेकिन विकास पूरे नहीं हैं। ऐसे आवंटियों के लिए प्राधिकरण दो साल का जीरो पीरिएड घोषित करे। बिना पेनल्टी 90 दिन का समय भी लीज डीड के लिए दिया जाए। ऐसा हुआ तो एसोसिएशन खुद कैंप लगाकर लीज डीड कराएगी।
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