SIR का दबाव, 19 दिनों में 16 BLO की मौत, चुनाव आयोग पर साधा निशाना

Special Intensive Revision News:  देशभर में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) प्रक्रिया के नाम पर बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) पर बढ़ते काम के दबाव ने अब जानलेवा रूप धारण कर लिया है। बीते 19 दिनों में छह राज्यों में 16 BLO की मौत हो चुकी है, जिसमें हार्ट अटैक, तनाव और आत्महत्या के मामले शामिल हैं। इस मुद्दे पर विपक्ष के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने कड़ा रुख अपनाते हुए चुनाव आयोग (ECI) पर ‘अफरा-तफरी’ और ‘षड्यंत्र’ का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक अखबार की कटिंग शेयर करते हुए लिखा, “SIR के नाम पर देश भर में अफरा-तफरी मचा रखी है – नतीजा? तीन हफ्तों में 16 BLO की जान चली गई।”

SIR क्या है और क्यों हो रहा विवाद?
स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) मतदाता सूची को अपडेट करने की एक प्रक्रिया है, जो बिहार विधानसभा चुनाव के बाद देश के 12 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही है। इसका उद्देश्य डिजिटल रूप से फॉर्म भरवाकर मतदाता सूची को सटीक बनाना है, लेकिन BLOs पर मात्र 12-15 दिनों का समयसीमा, देर रात मीटिंग्स, नोटिस का डर और सस्पेंशन की धमकी ने हालात बिगाड़ दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह प्रक्रिया फरवरी 2026 तक चलेगी, लेकिन शुरुआती चरण में ही BLOs की मौतें चिंता का विषय बन गई हैं।

कहां-कहां हुईं मौतें? आंकड़े जो झकझोर रहे हैं
• मध्य प्रदेश: सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य, जहां चार दिनों में चार BLOs की मौत हुई। भोपाल, रायसेन और दमोह में हार्ट अटैक और तनाव से दो मौतें, जबकि एक BLO छह दिनों से लापता है। परिजनों का आरोप है कि टारगेट पूरा न करने पर निलंबन की धमकी ने BLO नारायण सोनी को तोड़ दिया।
• गुजरात: चार दिनों में चार मौतें। वडोदरा में उषाबेन इंद्रसिंह सोलंकी (50) की ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से मौत। अहमदाबाद और दाहोद में दो अन्य BLO बीमार पड़े। एक BLO ने तनाव में सुसाइड नोट लिखा, “मुझसे नहीं होगा।”

• पश्चिम बंगाल: तीन मौतें। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 28 मौतों का दावा किया है और SIR रोकने की मांग की है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर कहा कि यह प्रक्रिया ‘अव्यवस्थित और जानलेवा’ है।

• राजस्थान, केरल, तमिलनाडु: प्रत्येक में दो-तीन मौतें। जयपुर में BLO मुकेश जांगिड़ ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या की, परिवार ने काम के दबाव को जिम्मेदार ठहराया। केरल में पांच BLOs ने कथित रूप से सुसाइड की।

कुल मिलाकर, इन मौतों में अधिकांश हार्ट अटैक और तनाव से जुड़ी हैं, लेकिन आत्महत्याओं ने सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सामाजिक संगठनों ने तीन राज्यों में प्रदर्शन किए हैं।

राहुल गांधी का हमला
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने SIR को ‘लोकतंत्र पर हमला’ करार दिया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “19 दिन, 6 राज्य, 16 मौतें। ECI का जवाब? जीरो। न जांच, न डेटा, न फुटेज।” राहुल ने कहा कि अगर नीयत साफ होती तो प्रक्रिया डिजिटल और पारदर्शी होती, न कि 30 दिनों की हड़बड़ी में BLOs की जान जोखिम में डालती। कांग्रेस ने इसे ‘सत्ता की रक्षा में लोकतंत्र की बलि’ बताया।

राहुल के इस बयान पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। समर्थक उन्हें ‘सच बोलने वाला एकमात्र नेता’ बता रहे हैं, जबकि आलोचक इसे राजनीतिकरण का आरोप लगा रहे हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने SIR को ‘खतरनाक’ बताते हुए ECI से तत्काल रोक की मांग की। टीएमसी और बीजेपी के बीच आंकड़ों पर विवाद है—ममता 28 मौतें बता रही हैं, जबकि राज्य सरकारें 6-7 का आंकड़ा दे रही हैं। उत्तर प्रदेश में कई BLO पर FIR दर्ज हुई है, जो दबाव को और बढ़ा रही है।

चुनाव आयोग ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि BLOs की कमी और डिजिटल ट्रेनिंग की जरूरत इस संकट की जड़ है। क्या यह विवाद SIR प्रक्रिया को रोक पाएगा, या BLOs की मौतें जारी रहेंगी? सवाल गंभीर हैं, और जवाब का इंतजार सबको है।

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