बेरूत में इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडर की मौत

Israeli Airstrike News: लेबनान की राजधानी बेरूत के दक्षिणी उपनगर दहियेह इलाके में रविवार को इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह के शीर्ष सैन्य कमांडर हायथम अली तबातबाई की मौत हो गई।

हिजबुल्लाह ने सोमवार को आधिकारिक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की है। हमले में कम से कम चार अन्य लोगों की भी जान चली गई, जबकि 28 से अधिक लोग घायल हो गए। यह घटना एक साल पुराने युद्धविराम समझौते के बावजूद क्षेत्र में तनाव को नई ऊंचाई पर पहुंचा रही है।

हिजबुल्लाह ने तबातबाई को “महान कमांडर” बताते हुए उन्हें शहीद घोषित किया है। संगठन के प्रवक्ता महमूद कमाती ने हमले को “लाल रेखा पार करना” करार दिया और कहा कि यह “पूरे लेबनान में हमलों की वृद्धि का द्वार खोल देगा।” तबातबाई हिजबुल्लाह की सशस्त्र शाखा के चीफ ऑफ स्टाफ थे और संगठन के नंबर दो नेता माने जाते थे। वे रादवान फोर्स के प्रमुख भी थे, जो हिजबुल्लाह की एलीट यूनिट है।

इजरायली सेना ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तबातबाई को “मास मर्डरर” कहा और दावा किया कि वे हिजबुल्लाह को फिर से हथियारबंद करने और सैन्य पुनर्निर्माण के प्रमुख थे। इजरायली विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह हमला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का उल्लंघन करने और 2024 के युद्धविराम समझौते की अवहेलना के जवाब में किया गया। इजरायली सैन्य ने हमले का वीडियो भी जारी किया, जिसमें बेरूत के हारेट ह्रेक इलाके में एक 10 मंजिला अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स पर तीन मिसाइलें दागी गईं। हमला भवन के चौथे और पांचवें माले को निशाना बनाया गया।

लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हमले में पांच लोगों की मौत हुई, जिनमें हिजबुल्लाह के चार सदस्य शामिल हैं। घायलों की संख्या 28 बताई जा रही है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। लेबनानी नागरिक सुरक्षा दल ने मलबे में फंसे लोगों को निकालने का अभियान चलाया। यह इजरायल का बीरूत पर पिछले पांच महीनों में पहला हमला है, जो दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह की गतिविधियों को रोकने के इजरायली अभियान का हिस्सा है।

तबातबाई कौन थे?
हायथम अली तबातबाई का जन्म 1968 में बेरूत में एक लेबनानी मां और ईरानी पिता के घर हुआ था। वे हिजबुल्लाह के वयोवृद्ध कमांडर थे, जिन्होंने सीरिया में बशर असद शासन का समर्थन करने वाली एलीट फाइटरों का नेतृत्व किया। अमेरिकी और इजरायली खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने यमन के हूती विद्रोहियों को प्रशिक्षण भी दिया। 2023-24 के इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष के दौरान वे इजरायली निशाने से बच निकले थे, लेकिन संगठन के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं, जैसे हसन नसरुल्लाह की मौत के बाद वे प्रमुख भूमिका में उभरे। इजरायली खुफिया एजेंसियों का दावा है कि तबातबाई लेबनानी सरकार के हिजबुल्लाह को निहत्था करने के फैसले के खिलाफ थे।

क्षेत्रीय प्रभाव और प्रतिक्रियाएं
यह हमला नवंबर 2024 में अमेरिका-ब्रोकर युद्धविराम के ठीक एक साल बाद आया है, जब हिजबुल्लाह ने हमास के हमले के समर्थन में इजरायल पर रॉकेट दागे थे। इजरायल का कहना है कि हिजबुल्लाह सीमा के उत्तर में सैन्य क्षमता पुनः स्थापित कर रहा है, जबकि हिजबुल्लाह इसे आत्मरक्षा बताता है। अमेरिका ने हमले का समर्थन किया है, लेकिन पहले से सूचना नहीं दी गई। लेबनानी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायली हमलों को रोकने की अपील की है।

विशेषज्ञों का मानना है कि हिजबुल्लाह जवाबी कार्रवाई कर सकता है, जो मध्य पूर्व में बड़े संघर्ष को जन्म दे सकता है। इजरायली सेना प्रमुख ईयाल जामिर ने कहा, “हम पहले सक्रिय रहे क्षेत्रों में फिर से लड़ाई के लिए तैयार हैं।” क्षेत्र में शांति प्रयासों पर यह नया संकट मंडरा रहा है।

यहां से शेयर करें