मोनिंदर सिंह पंढेर ने तोड़ी चुप्पी, कोली पर लगाए गंभीर आरोप

Serial killings case news: 19 साल पुराने निठारी सीरियल किलिंग्स मामले ने एक बार फिर देश को झकझोर दिया है। नोएडा के सेक्टर-31 स्थित डी-5 कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर ने आज अपनी चुप्पी तोड़ी और आजतक को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में निठारी कांड के ‘काले सच’ का खुलासा किया। पंढेर, जिन्हें 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था, ने अपने पूर्व नौकर सुरेंद्र कोली पर कड़ी चोट की। उन्होंने दावा किया कि कोली ने कभी कोई ‘संकेत’ नहीं दिए थे, लेकिन जांच में कई खामियां थीं जो इस मामले को ‘बॉटछेड़ अप’ बना दिया है।

निठारी कांड की यादें आज भी लोगों के दिल दहला देती हैं। दिसंबर 2006 में नोएडा के निठारी गांव के पास मिले कंकालों और हड्डियों ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। कम से कम 16 बच्चों और महिलाओं के शवों के टुकड़े पंढेर की कोठी के पीछे नाले से बरामद हुए थे। शुरुआती जांच में पंढेर और उनके नौकर कोली को मुख्य आरोपी बनाया गया। कोली पर बच्चों का अपहरण, बलात्कार, हत्या और यहां तक कि नरभक्षण के आरोप लगे। दोनों को कई मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई, लेकिन सबूतों की कमी के चलते 2023 में हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। नवंबर 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने कोली की आखिरी बची सजा को भी रद्द कर उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया।

इंटरव्यू में पंढेर ने कहा, “मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरी जिंदगी इस तरह बर्बाद हो जाएगी। कोली ने घर में कभी कोई अजीब हरकत नहीं की। वह शांत और मेहनती लगता था।” उन्होंने पायल केस का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे मीडिया और पुलिस के दबाव में जांच प्रभावित हुई। पंढेर ने स्वीकार किया कि वह कभी-कभी एस्कॉर्ट्स को घर बुलाते थे, लेकिन इससे मामले का कोई लेना-देना नहीं। “मेरी कोठी के पीछे जो कंकाल मिले, वे मेरी गलती नहीं। पुलिस ने बिना सोचे-समझे मुझे फंसा दिया,” उन्होंने भावुक होकर कहा।

हालांकि, पंढेर के बयानों पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई यूजर्स ने आजतक और पत्रकार शम्स ताहिर खान पर टीआरपी के लिए ‘अपराधी’ को प्लेटफॉर्म देने का आरोप लगाया। एक यूजर ने लिखा, “लोग जानते हैं कि पंढेर दोषी था, लेकिन पैसे की ताकत से बच निकला।

शर्मनाक!” वहीं, नेटफ्लिक्स की फिल्म ‘सेक्टर 36’ के बाद से यह मामला फिर सुर्खियों में है, जो इसी कांड पर आधारित है।
पीड़ित परिवारों का दर्द आज भी कम नहीं हुआ। एक पिता ने कहा, “पंढेर के बरी होने से हमें चोट पहुंची। असली अपराधी आज भी आजाद घूम रहा है।” निठारी गांव में सन्नाटा पसरा है, जहां मां-बाप आज भी अपने खोए बच्चों को याद करते हैं।

यह इंटरव्यू निठारी कांड की उन अनसुलझी पहेलियों को फिर से उजागर करता है, जहां जांच की खामियों ने न्याय को प्रभावित किया। क्या पंढेर का बयान नया मोड़ लाएगा? यह तो वक्त ही बताएगा।

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