भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर पीयूष गोयल का बड़ा बयान-“किसानों-मछुआरों के हितों से समझौता नहीं होगा”

India US Trade Deal:

India US Trade Deal: नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर सरकार ने साफ संकेत दे दिए हैं कि यह डील तभी आगे बढ़ेगी जब यह न्यायसंगत, संतुलित और सभी पक्षों के लिए लाभकारी होगी। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित 22वें भारत-अमेरिका आर्थिक शिखर सम्मेलन में यह स्पष्ट संदेश दिया।

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गोयल ने कहा कि सरकार किसी भी कीमत पर अपने किसानों, मछुआरों और छोटे उद्योगों के हितों की अनदेखी नहीं करेगी। उन्होंने बताया कि भारत इस समझौते को लेकर अपनी बातचीत में सावधानी बरत रहा है, ताकि घरेलू हितधारकों और अमेरिकी पक्ष के बीच उचित संतुलन स्थापित किया जा सके।

पहला चरण जल्द पूरा होने की उम्मीद—पर भारत की प्राथमिकता स्पष्ट

यह बयान ऐसे समय आया है जब ठीक एक दिन पहले ही वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा था कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) का पहला चरण जल्द पूरा होने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि नवंबर के अंत तक समझौते की घोषणा हो सकती है।

सूत्रों के अनुसार अमेरिका भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ में से 25% दंडात्मक शुल्क हटाने पर सहमत हो सकता है। हालांकि गोयल के बयान से साफ है कि भारत जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेने वाला।

“संबंधों में कोई दरार नहीं, कभी-कभी नोकझोंक हो जाती है”—गोयल

पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच अब तक 6 दौर की वार्ता हो चुकी है। उन्होंने मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर भरोसा जताते हुए कहा “परिवारों में कभी-कभी थोड़ी नोक-झोंक हो जाती है, पर संबंधों में कोई दरार नहीं है। दोनों देश एक-दूसरे के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।” उन्होंने संकेत दिया कि अमेरिका के साथ लंबी अवधि के एलपीजी आयात समझौते पर भारत की सहमति दोनों देशों के स्थायी और मजबूत रिश्तों को दर्शाती है।

भारत करेगा हर साल 22 लाख टन एलपीजी आयात

मंत्री ने बताया कि हाल ही में एक बड़े समझौते के तहत भारत हर साल 22 लाख टन एलपीजी लंबे समय के लिए आयात करेगा। यह ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाए जाने से व्यापारिक तनाव बढ़ गया था।

2030 तक 500 अरब डॉलर व्यापार का लक्ष्य

भारत और अमेरिका की इस प्रस्तावित डील का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना है। आईएसीसी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ललित भसीन ने कहा कि दोनों देशों के संबंध वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। शिखर सम्मेलन के सह-चेयरमैन अतुल चौहान ने भी कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों का वैश्विक प्रभाव व्यापक है।

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