निर्दोषों की हत्या किसी धर्म का औचित्य नहीं दे सकती

Not every Kashmiri is a terrorist. News: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट की कड़ी निंदा की है, जिसमें कम से कम 12 निर्दोष लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि ऐसी क्रूरता से निर्दोषों की हत्या किसी भी धर्म का समर्थन नहीं कर सकती। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि पूरे जम्मू-कश्मीर या कश्मीरी मुसलमानों को आतंकवाद से जोड़ना सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाएगा।

जम्मू में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अब्दुल्ला ने कहा, “यह अत्यंत निंदनीय है। निर्दोषों की ऐसी क्रूरता से हत्या किसी धर्म का औचित्य नहीं दे सकती। जांच जारी रहेगी, लेकिन हमें एक बात याद रखनी चाहिए – जम्मू-कश्मीर का हर निवासी आतंकी नहीं है और न ही आतंकवादियों से जुड़ा हुआ है।” उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि यह केवल कुछ ही लोग हैं जो क्षेत्र में शांति और भाईचारे को बर्बाद कर रहे हैं। अगर हर कश्मीरी को संदेह की नजर से देखा जाएगा, तो लोगों को सही रास्ते पर रखना मुश्किल हो जाएगा।

दिल्ली पुलिस ने इस धमाके को जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के एक लॉजिस्टिक मॉड्यूल से जोड़ा है, जो फरीदाबाद, लखनऊ और दक्षिण कश्मीर में सक्रिय था। विस्फोटक से लदी हुंडई आई20 कार के ड्राइवर की पहचान डॉ. उमर मोहम्मद के रूप में हुई है, जो कश्मीर का निवासी और एक चिकित्सक था। डीएनए टेस्टिंग से इसकी पुष्टि हुई है। सुरक्षाबलों ने डॉ. उमर और उनके सहयोगी डॉ. मुजम्मिल की डायरी बरामद की है, जिसमें 8 से 12 नवंबर तक की तारीखें और लगभग 25 व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं, जिनमें से अधिकांश जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद से हैं।

इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर से कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से सात कश्मीर के हैं। इनमें अरिफ निसार दार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद दार उर्फ शाहिद (श्रीनगर के नौगाम से), डॉ. अदील (कुलगाम के वनपोरा से) और डॉ. शाहीन सईद (लखनऊ से) शामिल हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह मॉड्यूल कई स्थानों पर आतंकी हमलों की योजना बना रहा था।

मुख्यमंत्री ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की, लेकिन निर्दोषों को इसकी सजा न भुगतने की अपील की। उन्होंने कहा, “शिक्षित लोग भी कभी-कभी ऐसी घटनाओं में शामिल पाए जाते हैं, लेकिन निर्दोषों को इससे अलग रखना चाहिए।” अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर स्थिति को सामान्य रखने के प्रयासों का जिक्र किया और कहा कि राज्य सरकार सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।

दिल्ली धमाके के विरोध में कश्मीर के कुपवाड़ा और गंदरबल जिलों में कैंडललाइट मार्च निकाले गए। हंदवाड़ा के मेन चौक में स्थानीय निवासियों, व्यापारियों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने हमले की निंदा की। इसी बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पुलवामा के अवंति पोरा में इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को संबोधित करते हुए स्थानीय लोगों से आतंकवादियों के समर्थकों की पहचान में सहयोग करने की अपील की।

यह घटना 2019 के बाद कश्मीर में शांति की प्रक्रिया को फिर से चुनौती दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं सामाजिक एकता को कमजोर करती हैं, जबकि अब्दुल्ला जैसे नेताओं के बयान सकारात्मक संदेश देने का प्रयास हैं। जांच एजेंसियां संदिग्ध वाहन टोयोटा ब्रेजा की तलाश में जुटी हैं, जो धमाके से जुड़ी हो सकती है।

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