पत्नी को आवारा कुत्तों से मोहब्बत, पति को तनाव ने नपुंसकता तक पहुंचाया, गुजरात हाईकोर्ट में तलाक से पहले पत्नी ने मांगे दो करोड़

अहमदाबाद। डाॅग प्रेमियों के लिए घर परिवार नहीं बल्कि कुत्ते ही उससे कहीं अधिक हो जाते। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुत्तों के लिए एक बहुत बड़ा तबका सड़कों पर उतर आया। प्रेम अपनी जगह सही है लेकिन लोगों को कुछ और सोचने की भी जरूरत है। एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसमें पत्नी को आवारा कुत्तों से मोहब्बत थी। पति तनाव में रहने लगा और नपुंसक हो गया। दरअसल, एक 41 वर्षीय व्यक्ति ने गुजरात हाईकोर्ट में अपनी पत्नी से तलाक की मांग की है। पति दावा है कि पत्नी का आवारा कुत्तों से अत्यधिक लगाव उनके वैवाहिक जीवन को बर्बाद कर रहा है। कुत्तों के कारण पड़ोसियों से झगड़े, पुलिस शिकायतें, सार्वजनिक अपमान और इतना तनाव हुआ कि उसे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (नपुंसकता) की समस्या हो गई। यह मामला अब हाईकोर्ट में विचाराधीन है, जहां फैमिली कोर्ट ने पहले तलाक याचिका खारिज कर दी थी।

शादी के बाद सेे ही शुरू हो गई थी परेशानियां
दंपति की शादी साल 2006 में हुई थी। पति के मुताबिक, शुरुआत में सब ठीक था, लेकिन पत्नी ने एक आवारा कुत्ता घर में लाकर सब गड़बड़ कर दिया। सोसाइटी में पालतू कुत्तों पर पाबंदी थी, फिर भी पत्नी ने कई और आवारा कुत्ते घर ला दिए। पति को मजबूरन उनके लिए खाना बनाना, सफाई करना और देखभाल करनी पड़ रही थी। एक कुत्ता तो उनके बेड पर साथ सोने की जिद करता था और जब पति ने मना करता भागता तो उसने काट लेता था।

पति ने कोर्ट में बताया कि कुत्तों की वजह से पड़ोसी नाराज हो गए। साल 2008 में पुलिस में शिकायत भी दर्ज हुई। पत्नी एक पशु अधिकार संगठन से जुड़ गईं और बार-बार दूसरों के खिलाफ पुलिस कंप्लेंट करती रहीं। पति को पुलिस स्टेशन बुलवातीं और मदद मांगतीं। मना करने पर गाली-गलौज और अपमान करतीं।

प्रैंक कॉल और बेंगलुरु भागना
सबसे चैंकाने वाला वाकया 1 अप्रैल 2007 का है। पति का आरोप है कि पत्नी ने रेडियो जॉकी से फोन करवाकर उसके कथित एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर की अफवाह फैलाई। यह प्रैंक कॉल उसके ऑफिस और समाज में फैल गया, जिससे भारी शर्मिंदगी हुई। तंग आकर पति बेंगलुरु भाग गया, लेकिन पत्नी ने वहां भी परेशान करना जारी रखा।

तनाव से नपुंसकता का दावा
पति ने हाईकोर्ट में कहा कि यह सब मानसिक तनाव इतना बढ़ गया कि उसकी सेहत बिगड़ गई और उसे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन हो गया। उसका कहना है कि वैवाहिक जीवन पूरी तरह टूट चुका है और इसे बचाना नामुमकिन है।

फैमिली कोर्ट ने खारिज की याचिका
पति ने 2017 में अहमदाबाद फैमिली कोर्ट में तलाक का मुकदमा दायर किया। पत्नी का बचाव था कि पति ने ही उसे पशु ।ब्ज्प्टप्ैड सिखाया और बाद में उसे छोड़ दिया। उसने पति के कुत्तों को गले लगाते और चूमते फोटो पेश किए। फरवरी 2024 में फैमिली कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, “प्रैंक कॉल या कुत्तों की देखभाल जैसे मामले क्रूरता या परित्याग के आधार नहीं बनते।”

हाईकोर्ट में अपील, गुजारा भत्ता का विवाद
पति ने हाईकोर्ट में अपील की और कहा कि शादी अब बनी नही रह सकती। उसने 15 लाख रुपये गुजारा भत्ता देने की पेशकश की, जबकि पत्नी 2 करोड़ रुपये मांग रही है। हाईकोर्ट की बेंच ने अगली सुनवाई 1 दिसंबर तय की है। यह मामला वैवाहिक क्रूरता की परिभाषा पर नई बहस छेड़ रहा है। क्या पालतू जानवरों का लगाव तलाक का आधार बन सकता है? कोर्ट का फैसला कई जोड़ों के लिए मिसाल बनेगा।

 

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