पाकिस्तानी गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इसे “आत्मघाती हमला” करार दिया और कहा कि जांच में बम निष्क्रियकरण दस्ते (BD सैनिक) और फॉरेंसिक टीमें जुटी हैं। कोई संगठन तुरंत जिम्मेदारी नहीं लेता दिखा, लेकिन पाकिस्तानी तहरीक-ए-तालिबान (TTP) का एक गुट जमात-उल-अहरार ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इस गुट ने कहा कि वे पाकिस्तान में शरिया कानून लागू होने तक ऐसे हमलों को जारी रखेंगे। यह 2008 के बाद इस्लामाबाद में सबसे घातक हमला माना जा रहा है, जब शहर में सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही सख्त थी—खासकर क्योंकि यहां इंटर-파रलियामेंटरी स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस और अन्य अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम हो रहे थे।
पाकिस्तान का तुरंत भारत पर आरोप
धमाके के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने अपनी पुरानी आदत चली। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि यह “भारत प्रायोजित आतंकवाद का सबसे खराब उदाहरण” है। उन्होंने दावा किया कि “भारतीय समर्थित आतंकी प्रॉक्सी” ने अफगानिस्तान की जमीन से यह हमला अंजाम दिया, जो वाना कैडेट कॉलेज पर सोमवार को हुए हमले से जुड़ा है। शरीफ ने कहा, “दुनिया को भारत की इन कुटिल साजिशों की निंदा करनी चाहिए।” रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी अफगान तालिबान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पाकिस्तान अब “युद्ध की स्थिति” में है। सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने भी भारत-अफगानिस्तान के बीच “नexus” का जिक्र किया।
ये आरोप बिना किसी सबूत के लगाए गए, जबकि TTP ने हमले की जिम्मेदारी ली है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान आंतरिक संकट—जैसे TTP के बढ़ते हमलों और आर्थिक दबाव—से ध्यान भटकाने के लिए भारत को निशाना बना रहा है।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बयान जारी कर कहा, “भारत स्पष्ट रूप से बौखलाए पाकिस्तानी नेतृत्व द्वारा लगाए जा रहे निराधार और बेबुनियाद आरोपों को खारिज करता है।” उन्होंने इसे “पाकिस्तान की पूर्वानुमानित चाल” बताया, जो “अपने देश में चल रही सैन्य-प्रेरित संवैधानिक अव्यवस्था और सत्ता हथियाने की कोशिश से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भारत के खिलाफ झूठे नैरेटिव गढ़ रही है।” जायसवाल ने जोर देकर कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की इन हताशा भरी भटकाव वाली चालों से भ्रमित नहीं होगा।”
यह प्रतिक्रिया दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार को हुए कार विस्फोट के ठीक बाद आई, जिसमें 9 लोग मारे गए थे। भारत ने दिल्ली ब्लास्ट के लिए पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन पाकिस्तान ने उस पर कोई टिप्पणी नहीं की। विशेषज्ञों का कहना है कि ये लगातार धमाके दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ा रहे हैं, जहां दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
अमेरिकी दूतावास ने इस्लामाबाद धमाके की निंदा की और पाकिस्तान को “आतंकवाद के खिलाफ समर्थन” का वादा किया, लेकिन दिल्ली ब्लास्ट पर उनकी प्रतिक्रिया “विचार और प्रार्थना” तक सीमित रही, जिस पर भारतीय सोशल मीडिया में नाराजगी जताई गई। तुर्की ने इस्लामाबाद हमले को “आतंकी हमला” कहा, लेकिन दिल्ली विस्फोट को महज “विस्फोट” करार दिया—जिसे भारत ने दोहरा मापदंड बताया। अफगान तालिबान ने हमले की निंदा की, लेकिन पाकिस्तान के आरोपों पर चुप्पी साधी।
क्या है आगे की आशंका?
पाकिस्तान में TTP जैसे संगठनों के हमले बढ़ रहे हैं, जो अफगानिस्तान से संचालित बताए जाते हैं। भारत ने हमेशा पाकिस्तान को आतंकवाद के पनाहगार के रूप में देखा है।
MEA ने स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में प्रतिबद्ध है, लेकिन पाकिस्तान जैसे “आतंक के निर्यातक” देशों की चालों का जवाब देगा। दक्षिण एशिया में शांति के लिए दोनों देशों को संवाद की जरूरत है, लेकिन आरोप-प्रत्यारोप का यह सिलसिला तनाव को और गहरा सकता है।
जांच जारी है, और इस्लामाबाद में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना, और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना।

