अल-फलाह यूनिवर्सिटी, डॉक्टर या RDX बनाने का गढ़, संदेह, NIA की जांच तेज

Al-Falah University News: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम हुए भयानक कार बम धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस धमाके में कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। जांच एजेंसियां अब हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर सवाल उठा रही हैं। संदेह है कि यहां की लैब में RDX जैसे घातक विस्फोटकों का निर्माण हो रहा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने केस अपने हाथ में ले लिया है, जबकि 800 से अधिक पुलिसकर्मी यूनिवर्सिटी और आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। गिरफ्तार एक कश्मीरी प्रोफेसर के खुलासे से 2,900 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक पदार्थ जब्त हो चुके हैं।

धमाके का मंजर
दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास शाम 6:52 बजे एक सफेद ह्युंडई i20 कार में जोरदार धमाका हुआ। यह जगह पुरानी दिल्ली का सबसे व्यस्त इलाका है, जहां ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति रहती है। धमाके की तीव्रता इतनी थी कि आसपास की इमारतें कांप उठीं, खिड़कियां टूट गईं और कई गाड़ियां आग की लपेट में आ गईं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, “हमने कभी इतना तेज धमाका नहीं सुना। लगा जैसे आसमान फट गया हो।” CCTV फुटेज में संदिग्ध चेहरा कैद हुआ है, जो कार चला रहा था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घटना की जानकारी दी गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने NIA, NSG, IB और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। शाह ने कहा, “हम पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे।” कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की भी बैठक होने वाली है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा ने बताया कि धमाके के तुरंत बाद क्राइम ब्रांच और स्पेशल ब्रांच की टीमें मौके पर पहुंच गईं। फॉरेंसिक टीम और NIA अब विस्फोट के प्रकार की जांच कर रही है।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर संदेह: लैब में RDX का खेल?
घटना से ठीक कुछ घंटे पहले फरीदाबाद के धौज इलाके में एक बड़ा आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के समर्थन में लगे पोस्टर्स की जांच के दौरान डॉ. मुजामिल शकील नाम के एक कश्मीरी मेडिकल प्रोफेसर को गिरफ्तार किया। शकील पुलवामा का रहने वाला 35 वर्षीय डॉक्टर था, जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी में इमरजेंसी हॉस्पिटल विंग का प्रभारी था। उसके किराए के फ्लैट से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, AK-56 राइफल, क्रिंकोव, पिस्टल, डेटोनेटर, टाइमर और बैटरी बरामद हुईं।

पुलिस को शक है कि यूनिवर्सिटी की लैब का इस्तेमाल RDX जैसे एडवांस्ड विस्फोटकों को बनाने के लिए किया जा रहा था। मंगलवार को 800 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने यूनिवर्सिटी कैंपस, लैब और आसपास के इलाकों में छापेमारी की। लैब स्टाफ से सख्ती से पूछताछ हो रही है। एक अधिकारी ने बताया, “यह ‘व्हाइट-कॉलर टेरर’ का नेटवर्क है, जहां पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स पाकिस्तान और अन्य देशों के हैंडलर्स के संपर्क में थे।” सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा जोरों पर है, जहां लोग यूनिवर्सिटी की लैब को ‘बम फैक्ट्री’ बता रहे हैं।

तीन और डॉक्टर हिरासत में
जांच आगे बढ़ने पर अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन और डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है। इनमें डॉ. शाहीन शाहिद प्रमुख हैं, जो JeM के महिलाओं के विंग ‘जमात उल-मोमिनात’ की भारत शाखा की प्रमुख बताई जा रही है। शाहिद की कार से AK-47 राइफल बरामद हुई। एक अन्य संदिग्ध डॉ. उमर नबी भट को धमाके का मुख्य आरोपी माना जा रहा है। भट भी यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था और पुलवामा का रहने वाला। जांचकर्ताओं का मानना है कि धमाके से तीन घंटे पहले उसके सहयोगियों की गिरफ्तारी से घबरा कर उसने कार में विस्फोट कर दिया।

कुल 8 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लोग शामिल हैं। यूपी ATS ने लखनऊ में डॉ. शाहीन के घर पर छापा मारा। एक मस्जिद के मौलवी को भी हिरासत में लिया गया है। JeM और अल-कायदा से जुड़े अंसार गजवत-उल-हिंद (AGUH) का नाम सामने आ रहा है। टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए संपर्क का खुलासा हुआ है।

यूनिवर्सिटी का बैकग्राउंड
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना 2014 में अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत हुई थी। 2015 में UGC से मान्यता मिली और NAAC से ‘A’ ग्रेड प्राप्त है। फरीदाबाद के धौज में 70 एकड़ कैंपस फैला यह निजी विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ, बिजनेस और कंप्यूटर साइंस जैसे कोर्स चलाता है। कैंपस में लड़के-लड़कियों के अलग हॉस्टल, स्टाफ क्वार्टर और 650 बेड का अल-फलाह अस्पताल है। लेकिन अब यह आतंकी गतिविधियों के संदेह के घेरे में है। ट्रस्ट के अन्य संस्थानों पर भी नजर रखी जा रही है।

आगे की जांच
NIA अब 100 से ज्यादा CCTV फुटेज की जांच कर रही है। धमाके से जुड़े ‘तीन घंटे के रहस्य’ को सुलझाने की कोशिश हो रही है—क्यों उमर नबी इतने वक्त तक दिल्ली में रुका रहा? क्या वह किसी हैंडलर का इंतजार कर रहा था? विस्फोटकों की खेप कई किश्तों में आई थी या नहीं, यह भी जांच का विषय है।

विदेशी फंडिंग और इंटेलिजेंस एंगल पर गहन जांच चल रही है।
यह घटना दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा के लिए अलर्ट बजा रही है। GRAP-3 लागू होने के बीच यह धमाका पर्यावरण प्रदूषण से ज्यादा बड़ा खतरा साबित हो रहा है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को हाई अलर्ट जारी किया है। पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा हो चुकी है।

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