दूसरा चरण में जोरदार मतदान, लोकतंत्र का महापर्व चरम पर

Today’s voting news: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दूसरा और अंतिम चरण आज जोरदार उत्साह के साथ चल रहा है। राज्य के 20 जिलों में फैले 122 विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से शुरू हुए मतदान में अब तक शांतिपूर्ण माहौल बना हुआ है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, सुबह 11 बजे तक 31.38 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो पहले चरण के 27.65 प्रतिशत से काफी बेहतर है। यह आंकड़ा राज्य के इतिहास में उच्च मतदान प्रतिशत की उम्मीद जगाता है, जहां पहले चरण में 64.66 प्रतिशत रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग हुई थी। कुल 3.7 करोड़ मतदाता आज 1,302 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे, जिसमें 1.75 करोड़ महिलाएं शामिल हैं।

पहले चरण की झलक
बिहार चुनाव की शुरुआत 6 नवंबर को पहले चरण से हुई, जब 18 जिलों के 121 क्षेत्रों में वोटिंग हुई। यहां 64.66 प्रतिशत मतदान ने 25 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया, जो 2000 के विधानसभा चुनाव के 62.57 प्रतिशत से अधिक था। बेगूसराय (67.32%) और गोपालगंज (64.96%) जैसे जिलों में महिलाओं का भारी मतदान देखा गया। एनडीए (बीजेपी-जेडीयू) ने विकास और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया, जबकि महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वाम) ने बेरोजगारी, पलायन और ‘वोट चोरी’ के आरोपों को मुद्दा बनाया। तेजस्वी यादव ने पहले चरण के बाद चुनाव आयोग पर लिंग-आधारित मतदाता डेटा न देने का आरोप लगाया, जो विपक्ष की रणनीति का हिस्सा बना।

आज का मतदान
दूसरे चरण में मगध, मिथिलांचल, सीमांचल, शाहाबाद और तिरहुत क्षेत्र शामिल हैं। सुबह 11 बजे तक किशनगंज (34.74%), गया (34.07%) और जमुई (33.69%) में सबसे अधिक मतदान हुआ। अररिया (15.34%), रोहतास (14.16%) और कटिहार (13.77%) में भी अच्छा रुझान दिख रहा है।

मतदाता लंबी कतारों में खड़े हैं, खासकर महिलाएं और बुजुर्ग। मोतिहारी में गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान ने परिवार संग वोट डाला, जबकि सासाराम से जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मतदान के बाद कहा, “बिहार को स्थानीय मुद्दों पर वोट देना चाहिए।”

हालांकि, कुछ जगहों पर ईवीएम खराबी से विलंब हुआ, लेकिन आयोग ने तुरंत प्रतिस्थापन सुनिश्चित किया। बगहा में 15 हजार लोगों ने सड़क और बिजली की मांग को लेकर वोट बहिष्कार किया, जबकि सीतामढ़ी के राजोपट्टी में जलजमाव के बावजूद मतदाता जुटे रहे। अररिया में बीजेपी-कांग्रेस समर्थकों के बीच मामूली झड़प हुई, लेकिन पुलिस ने तुरंत काबू पा लिया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने भागलपुर से वोट डालते हुए दिल्ली ब्लास्ट की निंदा की।

प्रमुख दावेदार और रणनीतियां
यह चुनाव तीनों खेमों—एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज—के बीच त्रिकोणीय जंग है। एनडीए (जेडीयू-बीजेपी) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिला भरण-पोषण योजना (1,000 रुपये मासिक) और 10,000 रुपये की सहायता पर दांव लगा रहे हैं, जो महिलाओं में लोकप्रिय है। बीजेपी के तारकेश्वर प्रसाद ने कहा, “डबल इंजन सरकार बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।” दूसरी ओर, तेजस्वी यादव युवाओं के पलायन और बेरोजगारी पर हमलावर हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाते हुए कहा, “मोदी-शाह अंततः पकड़े जाएंगे।”

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी सभी 243 सीटों पर लड़ी, लेकिन हालिया सर्वे में इसका प्रभाव कम होता दिख रहा है। वोट शेयर में एनडीए को 47-48 प्रतिशत, महागठबंधन को 40 प्रतिशत और अन्य को 13 प्रतिशत मिलने का अनुमान है। ईबीसी (36%) और महिलाओं का वोट निर्णायक साबित हो रहा है।

सुरक्षा और अपीलें
राज्य में 4 लाख से अधिक सुरक्षाबल तैनात हैं, जिसमें सीआरपीएफ के जवान दिव्यांग और बुजुर्गों की मदद कर रहे हैं। कटिहार और सीतामढ़ी पुलिस ने शांतिपूर्ण मतदान का दावा किया। आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “पहले चरण की तरह आज भी जनता उत्साहित है।” एनडीए के जितन राम मांझी ने अपील की, “एनडीए को मजबूत वोट दें, बच्चों का भविष्य सुरक्षित करें।”

नतीजे कब?
मतगणना 14 नवंबर को होगी। 243 सीटों में बहुमत के लिए 122 चाहिए। एनडीए को 140-160, महागठबंधन को 85-115 सीटों का अनुमान है। यह चुनाव न केवल नीतीश बनाम तेजस्वी की लड़ाई है, बल्कि बेरोजगारी, विकास और जातिगत समीकरणों का आईना भी। बिहार की जनता एक बार फिर लोकतंत्र की ताकत दिखा रही है।

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