नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई सेक्टरों में स्थिति बदतर हो चुकी है। भंगेल एलिवेटेड रोड के नीचे, जो अभी तक उद्घाटन का इंतजार कर रहा है, सड़कें जगह-जगह टूट चुकी हैं। यहां गड्ढों के साथ कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही है। हाल ही में एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, सेक्टर-41 आगाहपुर से सेक्टर-47-107 चौराहे तक सड़क की हालत ठीक है, लेकिन उसके बाद सलारपुर की ओर फेज टू के नाले के पास दोनों तरफ सड़कें टूटकर खराब हो गई हैं। कई वाहन चालक यहां गिरकर घायल भी हो चुके हैं।
इसी तरह, भंगेल-सलारपुर मार्केट में फैली गंदगी और बदबू से व्यापारियों का कारोबार प्रभावित हो रहा है। एलिवेटेड रोड के नीचे अतिक्रमण और कूड़े के ढेर लगे होने से हजारों ग्राहक रोजाना परेशान हो रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा के गांवों और सेक्टरों की हालत तो और भी खराब है। बरसात गांव में पिछले 5 साल से मुख्य सड़क गड्ढों से भरी पड़ी है, जहां मामूली बारिश में ही पानी भर जाता है। बुजुर्गों और बच्चों को आने-जाने में भारी दिक्कत हो रही है। करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने प्राधिकरण के खिलाफ प्रदर्शन किया और ओएसडी गुंजा सिंह को मांग पत्र सौंपा। संगठन ने चेतावनी दी है कि समाधान न मिलने पर आंदोलन किया जाएगा। सुरजपुर कस्बे को तो प्राधिकरण ने ही डंपिंग ग्राउंड बना दिया है। यहां टूटी सड़कों पर नालियों का कीचड़ और गंदगी फैली हुई है, जिससे बदबू से लोग बेहाल हैं। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने वीडियो शेयर कर @OfficialGNIDA को टैग किया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
नोएडा के सेक्टर-55 में भी आरडब्ल्यूए ने टूटी सड़क की मरम्मत की मांग की है। कुछ महीने पहले रिसर्फेसिंग हुई थी, लेकिन प्रवेश द्वार नंबर-5 के पास 20 मीटर हिस्सा छोड़ दिया गया, जो अब गड्ढों से भरा है। दादरी-सूरजपुर-छलेरा (डीएससी) मार्ग पर सेक्टर-41 आगाहपुर और सेक्टर-49 बरौला गांव के सामने सड़कें टूट चुकी हैं। यहां धूल और प्रदूषण से वाहन चालक सांस की बीमारियों से जूझ रहे हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के टेक जोन-4 में तो पिछले साल बनी सड़क ही बारिश से उखड़ गई, जिसका ठेकेदार एनबीसीसी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
गंदगी की समस्या भी कम नहीं है। सेक्टर-122 में कचरा गाड़ियां नियमित न आने से घरों के बाहर ढेर लग जाते हैं, जिससे मच्छर और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट को अब लोग ‘ग्रेटर नोएडा वेस्ट’ कहने लगे हैं, क्योंकि अस्थायी डंपिंग जोन से बदबू और कूड़ा फैल रहा है। स्थानीय निवासियों की शिकायतों के बावजूद प्राधिकरण लीपा-पोती कर रहा है। एक्स पर एक यूजर ने लिखा, “ग्रेटर नोएडा, जो कभी सुंदरता के लिए जाना जाता था, अब सफाई की कमी, टूटी सड़कें और खुले जानवरों से भर गया है। प्रशासन जागे!”
हालांकि, कुछ सकारात्मक कदम भी उठाए जा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर बीटा-टू की आंतरिक सड़कों की मरम्मत अगले हफ्ते से शुरू करने का ऐलान किया है। यमुना प्राधिकरण ने अधूरे सेक्टरों और सड़कों को विकसित करने की तैयारी तेज कर दी है, जिससे प्लॉट खरीदारों को राहत मिलेगी। नोएडा प्राधिकरण ने साफ-सफाई अभियान चलाकर कई जगहों पर जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं, जहां टूटी सड़कें, पानी और सीवर की शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं।
निवासी संगठनों और सोशल मीडिया यूजर्स की मांग है कि नोएडा मास्टर प्लान 2031 के तहत बुनियादी ढांचे में सुधार तेज किया जाए। सड़क नेटवर्क को मजबूत करने और स्वच्छता पर जोर दिया जाए। एक यूजर ने लिखा, “नोएडा की सड़कें अच्छी हालत में नहीं हैं, गड्ढे दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। @CeoNoida और @noida_authority जागें!” प्रशासन को अब ठोस कार्रवाई करनी होगी, वरना यह समस्या और गंभीर रूप ले सकती है।

