यात्रा की शुरुआत से पहले छतरपुर में एक विशाल सभा का आयोजन किया गया, जहां संतों ने धीरेंद्र शास्त्री को आशीर्वाद प्रदान किया। सभा में दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज, विश्व प्रसिद्ध संत सुधांशु महाराज सहित 50 से अधिक संत उपस्थित थे। संतों ने कहा कि यह यात्रा सनातन हिंदू एकता का राष्ट्रीय महायज्ञ है, जिसमें सभी को तन-मन-धन से योगदान देना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री ने संतों से सहयोग मांगते हुए कहा, “यह यात्रा जात-पात, क्षेत्रवाद और भाषावाद के भेद मिटाने के लिए है। हम 80 करोड़ सनातनियों की लड़ाई लड़ रहे हैं, ताकि हिंदू समाज एकजुट होकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे।”
यात्रा का उद्देश्य और संकल्प
लगभग 150 किलोमीटर लंबी यह पदयात्रा रोजाना 15 किलोमीटर की दूरी तय करेगी, जो दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के रास्ते वृंदावन पहुंचेगी। प्रमुख पड़ावों में जीरखोद, फरीदाबाद, होडल, मित्रोल, पिथरा, सीकरी और कोसी कलान शामिल हैं। यात्रा के दौरान प्रतिदिन सात संकल्प लिए जाएंगे, जिनमें धर्मांतरण रोकना, लव जिहाद पर अंकुश लगाना, हिंदू धर्म में भेदभाव समाप्त करना, हिंदू राष्ट्र की स्थापना और राष्ट्रवाद की प्रेरणा प्रमुख हैं। शास्त्री ने कहा, “यह यात्रा किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि हिंदुओं को जगाने के लिए है। भारत को बांग्लादेश की तरह विभाजित नहीं होने देंगे।”
यात्रा में 40,000 से अधिक लोग पहले ही पंजीकृत हो चुके हैं, जबकि अनुमान है कि लाखों श्रद्धालु जुड़ेंगे। विशेष रूप से 500 महिला वॉलंटियर्स को सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जया किशोरी और अनिरुद्धाचार्य जैसे आध्यात्मिक गुरुओं ने भी समर्थन की अपील की है, जहां अनिरुद्धाचार्य ने 20-25 लाख लोगों के भोजन की व्यवस्था का वादा किया।
प्रमुख हस्तियों का समर्थन
यात्रा को राजनीतिक समर्थन भी मिला है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, सांसद मनोज तिवारी, मंत्री कपिल मिश्रा, खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा और जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) ने इसमें भागीदारी की पुष्टि की। कवि डॉ. कुमार विश्वास ने शास्त्री को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “सनातन धर्म की अखंड ध्वजा विश्व-आकाश में फहराती रहे।”
ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने यात्रा को देखते हुए दक्षिणी दिल्ली में यातायात प्रतिबंध और वैकल्पिक मार्गों की एडवाइजरी जारी की है। यात्रा का प्रसारण लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से सोशल मीडिया पर भी उपलब्ध रहेगा, ताकि दूर-दराज के श्रद्धालु घर बैठे जुड़ सकें।
यह पदयात्रा न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान का प्रतीक बनेगी। शास्त्री ने अपील की, “सभी सनातनी भाइयों-बहनों से निवेदन है कि इस यात्रा में शामिल होकर एकता का संदेश फैलाएं। जय श्री राम!”

