सबरीमाला श्री अयप्पा मंदिर, जो लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है, इस घोटाले से दुखी है। 2019 में मूर्तियों को चेन्नई भेजा गया था, लेकिन लौटने पर सोने का वजन कम पाया गया।
हाईकोर्ट ने सितंबर 2025 में स्वयं संज्ञान (सुओ मोटू) लेते हुए जांच शुरू की थी। अदालत ने टिप्पणी की कि मुख्य आरोपी उन्निकृष्णन पोट्टी केवल “एक लंबी साजिश का अंतिम कड़ी” हैं, और पीछे “बड़े ताकतवर लोग” हो सकते हैं।
जांच में नया मोड़: पूर्व अधिकारियों पर शिकंजा
आज की सुनवाई से पहले, SIT ने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। मंदिर के पूर्व कार्यकारी अधिकारी सुधीर कुमार को रिकॉर्ड में धांधली के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कुमार पर द्वारपालक मूर्तियों को सोने की बजाय तांबे की शीट बताकर रजिस्टर में गलत एंट्री करने का इल्जाम है। इसके अलावा, पूर्व TDB अध्यक्ष एन. वासु को तीसरा आरोपी बनाया गया है।
हाईकोर्ट ने 21 अक्टूबर को TDB के मिनट्स बुक जब्त करने का आदेश दिया था, ताकि अधिकारियों की मिलीभगत उजागर हो सके। अदालत ने रिटायर्ड जज जस्टिस के.टी. संकरन को मंदिर के सभी कीमती सामानों का नया इन्वेंटरी तैयार करने का जिम्मा सौंपा है। यह कदम TDB के रजिस्टरों में गंभीर विसंगतियों के बाद उठाया गया, जहां सोने-चांदी की सटीक जानकारी का अभाव पाया गया।
राजनीतिक विवाद भड़का
यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। विपक्षी कांग्रेस के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. Satheesan ने कहा, “देवास्वोम बोर्ड के मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। 2022 से ही बोर्ड को धोखाधड़ी की जानकारी थी, लेकिन कोई एफआईआर नहीं दर्ज की गई। कम्युनिस्ट सरकार मंदिरों की संपत्ति लूट रही है।” भाजपा ने भी इसे “हिंदू आस्था पर हमला” करार दिया है।
कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में हंगामा किया और बोर्ड के विघटन की मांग की। दूसरी ओर, सत्ताधारी एलडीएफ (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) ने इसे “व्यवस्थित जांच” का हिस्सा बताया है।
व्यापक साजिश की आशंका
अदालत ने 7 अक्टूबर को एक ईमेल का हवाला देते हुए कहा कि सोना किसी शादी के लिए इस्तेमाल करने का “चिंताजनक खुलासा” हुआ है। 2019 में 40 साल की वारंटी के बावजूद 2025 में मूर्तियां फिर उसी स्पॉन्सर को सौंपी गईं, जो कवर-अप का प्रयास लगता है। SIT को निर्देश है कि 2019 की चोरी को छिपाने के लिए 2025 का काम किया गया या नहीं, यह जांचे।
हाईकोर्ट ने मीडिया को सनसनीखेज कवरेज से बचने की चेतावनी भी दी है, ताकि जांच प्रभावित न हो। अगली सुनवाई अगले महीने निर्धारित है।
अन्य मंदिरों में भी सवाल
सबरीमाला के बाद गुरुवायुर श्री कृष्ण मंदिर में भी 2019 के ऑडिट से सोना, चांदी और हाथीदांत के गायब होने का खुलासा हुआ। 12,000 एकड़ जमीन का पता नहीं। यह केरल के मंदिरों में व्यवस्थित लूट का संकेत देता है।
भक्तों में गुस्सा है। एक भक्त ने कहा, “अयप्पा स्वामी का धन भक्तों का चढ़ावा है, इसे लूटना पाप है।” सरकार ने जांच तेज करने का वादा किया है, लेकिन विपक्ष इसे “कम्युनिस्टों की साजिश” बता रहा है।
यह मामला न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहा है, बल्कि मंदिर प्रबंधन की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है। SIT की रिपोर्ट से और खुलासे होने की उम्मीद है।

