लिचफील्ड ने 93 गेंदों का सामना करते हुए 119 रनों की तूफानी पारी खेली, जिसमें 17 चौके और एक छक्का शामिल था। उनकी यह पारी ऑस्ट्रेलिया को मजबूत स्थिति में पहुंचाने वाली साबित हुई। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही, जब कप्तान एलिसा हीली सिर्फ 5 रन पर आउट हो गईं। लेकिन लिचफील्ड ने एलीस पेरी के साथ 100 रनों से अधिक की साझेदारी निभाकर पारी को संभाला। पेरी ने भी अर्धशतकीय पारी खेली, जबकि लिचफील्ड ने 46 गेंदों पर अर्धशतक पूरा करने के बाद सिर्फ 31 गेंदों में अगला अर्धशतक जोड़कर शतक पूरा किया।
यह उपलब्धि लिचफील्ड को महिला वर्ल्ड कप के नॉकआउट चरण में शतक लगाने वाली सबसे युवा खिलाड़ी (22 वर्ष और 195 दिन) बना देती है। वे चार साल से अधिक की बढ़त के साथ पूर्व रिकॉर्ड तोड़ने वाली हैं। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह उनका तीसरा वनडे शतक है, जिसमें से दो भारत के खिलाफ ही आए हैं। कुल मिलाकर, लिचफील्ड ने 36 वनडे में 1,200 से अधिक रन बना लिए हैं, जिसमें आठ अर्धशतक भी शामिल हैं।
ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए वर्ल्ड कप नॉकआउट में शतक लगाने वाली लिचफील्ड तीसरी खिलाड़ी हैं। उनसे पहले एलिसा हीली ने 2022 के सेमीफाइनल (129 रन) और फाइनल (170 रन) में तथा करेन रॉल्टन ने 2005 के फाइनल में (107*) यह कमाल किया था। लिचफील्ड की इस पारी ने भारत की गेंदबाजी को खासी परेशानी दी, जहां रेणुका सिंह, राधा यादव और अमनजोत कौर जैसी गेंदबाजों ने प्रयास तो किया, लेकिन फील्डिंग की गलतियों ने ऑस्ट्रेलिया को फायदा पहुंचाया।
मैच के दौरान कमेंटेटर इयान बिशप ने लिचफील्ड की तारीफ करते हुए कहा, “यह फोबे लिचफील्ड नाम की फिनॉम है, जो 16 साल की उम्र में सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। उनकी तकनीक और इरादा हमेशा शानदार रहा है।” लिचफील्ड ने 16 साल की उम्र में ही महिला बिग बैश लीग में डेब्यू किया था और सिडनी थंडर के लिए दूसरी ही पारी में अर्धशतक जड़ा था। भारत के खिलाफ उनका रिकॉर्ड शानदार है—10 पारियों में 575 से अधिक रन, औसत 72 से ऊपर, एक शतक और छह अर्धशतक।
मैच ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में झुकता नजर आ रहा है, जहां वे 27 ओवर में 180/2 पर थे। भारत को अब चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करना है। वर्ल्ड कप 2025 का खिताब बचाने की कोशिश में ऑस्ट्रेलिया की यह जीत सेमीफाइनल में उन्हें मजबूत दावेदार बना देगी। लिचफील्ड की इस ऐतिहासिक पारी ने न सिर्फ रिकॉर्ड बुक में नाम दर्ज कराया, बल्कि युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का काम भी किया।

