किसान आंदोलन: बठिंडा कोर्ट में कंगना रनौत की माफी, लेकिन किसान महिंदर कौर ने ठुकराया: ‘मैं कभी माफ नहीं करूंगी’

Bathinda News: पंजाब के बठिंडा कोर्ट में बीजेपी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने सोमवार को 2020-21 के किसान आंदोलन के दौरान एक बुजुर्ग महिला किसान पर की गई अपनी विवादित टिप्पणी के लिए माफी मांगी। हालांकि, शिकायतकर्ता 73 वर्षीय महिंदर कौर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे कंगना को कभी माफ नहीं करेंगी। महिंदर कौर ने कहा, “मैं कंगना रनौत को कभी माफ नहीं करूंगी।”

मामला 2020 के किसान आंदोलन से जुड़ा है, जब कंगना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (तत्कालीन ट्विटर) पर एक मीम रीट्वीट किया था। इस पोस्ट में उन्होंने बठिंडा के बहादुरगढ़ जंडियान गांव की रहने वाली महिंदर कौर की तस्वीर साझा करते हुए उन्हें शाहीन बाग आंदोलन की प्रतीक बिल्किस बानो (जिन्हें ‘बिल्किस दादी’ कहा जाता था) से जोड़ दिया। कंगना ने लिखा था कि ऐसी महिलाएं “100-100 रुपये में प्रदर्शन के लिए उपलब्ध” हैं। इस टिप्पणी ने किसान समुदाय और महिलाओं के बीच व्यापक आक्रोश पैदा हो गया, क्योंकि महिंदर कौर का शाहीन बाग से कोई लेना-देना नहीं था।

महिंदर कौर ने जनवरी 2021 में बठिंडा कोर्ट में कंगना के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि इस टिप्पणी से उनकी गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। कोर्ट ने फरवरी 2022 में कंगना को समन जारी किया, लेकिन वे कई बार व्यक्तिगत हाजिरी से बचने की कोशिश करती रहीं। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस साल उनकी याचिका खारिज कर दी। जस्टिसों ने टिप्पणी की, “आपने एक साधारण रीट्वीट को मसाला देकर विवादास्पद बना दिया।”

आखिरकार, 27 अक्टूबर को कंगना को व्यक्तिगत रूप से बठिंडा कोर्ट में पेश होना पड़ा।

कोर्ट में पेशी के दौरान कंगना ने महिंदर कौर के पति लाब सिंह से बात की और माफी मांगी। बाहर मीडिया से बातचीत में कंगना ने कहा, “यह एक गलतफहमी थी। मैंने सिर्फ एक सामान्य मीम रीट्वीट किया था, किसी को निशाना बनाने का इरादा नहीं था। मैं हर ‘माता’ का सम्मान करती हूं, चाहे वे पंजाब की हों या हिमाचल की। मैंने महिंदर जी के पति से चर्चा की और माफी मांगी।” कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी और अगली सुनवाई 24 नवंबर को निर्धारित की गई है। महिंदर कौर स्वास्थ्य कारणों से कोर्ट में मौजूद नहीं थीं, लेकिन उनके पति ने कहा कि वे परिवार और किसान यूनियनों से सलाह लेंगे।

महिंदर कौर के वकील रघबीर सिंह बेहनिवाल ने कंगना के दावों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “कंगना ने कोर्ट में कहा कि यह गलती से रीट्वीट हुआ था, लेकिन लाब सिंह ने बताया कि उन्हें पहले कभी माफी नहीं मांगी गई।” किसान संगठनों ने भी कंगना की माफी को “देर से आया सच्च” करार दिया। किसान मजदूर मोर्चा के नेता मनजीत राय ने कहा कि कंगना को व्यक्तिगत रूप से महिंदर कौर से माफी मांगनी चाहिए।

इस घटना ने एक बार फिर कंगना की विवादास्पद सोशल मीडिया टिप्पणियों को सुर्खियों में ला दिया। किसान आंदोलन के दौरान उनकी कई टिप्पणियां विवादों में घिरी थीं, जिनमें उन्होंने प्रदर्शनकारियों को “आतंकवादी” तक कहा था। 2024 में चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर एक सीआईएसएफ कांस्टेबल ने उनकी किसान आंदोलन संबंधी टिप्पणियों पर थप्पड़ जड़ दिया था।

महिंदर कौर की हिम्मत की सराहना करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा, “महिंदर कौर ने पंजाब की माताओं, बहनों और बेटियों का सम्मान बचाया। उन्होंने इस घमंडी महिला को पहाड़ों से उतरकर बठिंडा कोर्ट के दरवाजे तक ला दिया।” सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं बंटी हुई हैं—कुछ ने महिंदर कौर को सलाम किया, तो कुछ ने कंगना की माफी को “राजनीतिक ड्रामा” बताया।

यह मामला न केवल व्यक्तिगत मानहानि का है, बल्कि सोशल मीडिया पर जिम्मेदारीपूर्ण टिप्पणियों की याद दिलाता है। किसान आंदोलन ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाया था, लेकिन इसके निशान आज भी किसान समुदाय की भावनाओं में जिंदा हैं। अगली सुनवाई में महिंदर कौर की प्रतिक्रिया तय करेगी कि क्या यह विवाद यहीं खत्म होगा या कोर्ट में और लंबा चलेगा।

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