जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव 2025: जेकेंसी को तीन सीटें, भाजपा को एक; शम्मी ओबेरॉय ने जताई खुशी, कहा- दिल्ली जाकर उठाएंगे जेकेई के मुद्दे

Jammu and Kashmir Rajya Sabha Election News: जम्मू-कश्मीर में चार साल के लंबे अंतराल के बाद राज्यसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेंसी) ने तीन सीटों पर शानदार जीत हासिल की है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक सीट मिली। जेकेंसी के उम्मीदवार चौधरी मोहम्मद रजवान, सज्जाद किचलू और शम्मी ओबेरॉय ने अपनी-अपनी सीटें जीतीं, वहीं भाजपा के सत शर्मा ने चौथी सीट पर कब्जा जमाया। यह चुनाव अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जेकेई का पहला राज्यसभा चुनाव था, जिसमें 88 सदस्यीय विधानसभा के विधायकों ने वोट डाले।

चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद जेकेंसी नेता शम्मी ओबेरॉय ने अपनी जीत पर खुशी जाहिर की। जम्मू में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “हम खुश हैं… हमने चौथी सीट भी जीतने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह संभव नहीं हो सकी… हम दिल्ली जाएंगे, अपने दो लोकसभा सांसदों से मिलेंगे और जेकेई के लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगे… आगामी पार्टी बैठक में तय मुद्दों को हम राज्यसभा में उठाएंगे।” ओबेरॉय ने जोर देकर कहा कि जेकेंसी का फोकस हमेशा जेकेई की जनता के हितों पर रहेगा।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, “अपने सहयोगियों चौधरी मोहम्मद रजवान साहब, सज्जाद किचलू और शम्मी ओबेरॉय को राज्यसभा चुनाव में जीत की हार्दिक बधाई। जेकेई के लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उन्हें शुभकामनाएं।” हालांकि, अब्दुल्ला ने भाजपा को मिले अतिरिक्त चार वोटों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “हमारे किसी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं की, फिर भाजपा के ये अतिरिक्त वोट कहां से आए? कुछ विधायकों ने गलत प्राथमिकता नंबर लगाकर वोट अमान्य कर दिए, क्या यह जानबूझकर किया गया?”

चुनाव आयोग के अनुसार, जेकेंसी गठबंधन (कांग्रेस, पीडीपी, सीपीआई(एम), एआईपी और छह निर्दलीय विधायकों के समर्थन से) ने तीन सीटों पर मजबूत बहुमत हासिल किया।

चौधरी रजवान को 58 वोट मिले, जबकि सज्जाद किचलू और शम्मी ओबेरॉय ने भी आराम से जीत दर्ज की। भाजपा के सत शर्मा को 32 वोट मिले, जो जेकेंसी के इमरान नबी दार (22 वोट) से ज्यादा साबित हुए। जेकेंसी ने चार उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन चौथी सीट पर क्रॉस वोटिंग का असर पड़ा।

ये चारों सीटें फरवरी 2021 से खाली पड़ी थीं, जब गुलाम नबी आजाद, मीर मोहम्मद फयाज, शमशेर सिंह और नजीर अहमद लावेय का कार्यकाल समाप्त हुआ था। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जेकेई को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया था, जिसके चलते राज्यसभा प्रतिनिधित्व रुक गया था। अब ये नई नियुक्तियां जेकेई को ऊपरी सदन में मजबूत आवाज देंगी।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जेकेंसी की जीत पार्टी की मजबूत पकड़ को दर्शाती है, लेकिन क्रॉस वोटिंग ने सवाल खड़े कर दिए हैं। अगले महीने नागरोटा और बडगाम में विधानसभा उपचुनाव होने हैं, जहां जेकेंसी की नजरें और मजबूत प्रदर्शन पर हैं। नए राज्यसभा सदस्यों के दिल्ली पहुंचने के बाद जेकेई के प्रमुख मुद्दे जैसे राज्य का दर्जा बहाली, विकास परियोजनाएं और युवाओं की बेरोजगारी राज्यसभा में जोरदार तरीके से उठाए जाने की उम्मीद है।

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