यह मामला तब सामने आया जब दिल्ली पुलिस की एक हेड कांस्टेबल मुकेश ने 25 अगस्त को द्वारका साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। मुकेश ने बताया कि जुलाई में उन्हें एक एसएमएस मिला, जिसमें IP यूनिवर्सिटी के अफिलिएटेड टॉप कॉलेजों जैसे MAIT, VIPS और JIMS में BTech, BBA, BCA व LLB कोर्सेज में NRI व मैनेजमेंट कोटा के तहत एडमिशन का लालच दिया गया। संपर्क करने पर एक महिला ‘लावण्या’ ने नेहरू प्लेस के ऑफिस का पता बताया। वहां बातचीत के बाद 3.5 लाख रुपये की मांग की गई, जिनमें से मुकेश ने 29 जुलाई को 2.3 लाख रुपये नकद जमा कर दिए। लेकिन 5 अगस्त तक कोई एडमिशन लेटर न मिलने पर फोन बंद हो गए और ऑफिस लॉक पाया गया।
पुलिस जांच में पता चला कि यह गैंग जुलाई से सक्रिय था और बल्क एसएमएस व कॉल्स के जरिए अभिभावकों को फंसाता था। ऑफिस में फर्जी रसीदें जारी की जाती थीं, जिनमें JIMS ग्रेटर नोएडा जैसे कॉलेजों के कोर्स डिटेल्स व ट्रांसफर का झूठा वादा होता था। पैसे वसूलने के बाद गैंग सदस्य फोन स्विच ऑफ कर देते और ऑफिस खाली कर भाग जाते। साउथ ईस्ट दिल्ली के कलकाजी थाने में इस गैंग के खिलाफ 31 शिकायतें पहले ही दर्ज हो चुकी थीं, जो अब EOW को ट्रांसफर कर दी गई हैं। 22 अक्टूबर को एक और केस दर्ज हुआ, जिसमें 32 पीड़ितों का जिक्र है। ये ज्यादातर 12वीं पास छात्रों के अभिभावक हैं, जो प्रोफेशनल कोर्सेज में दाखिला दिलाने के चक्कर में फंस गए।
गिरफ्तार आरोपियों में कुशाग्रा श्रीवास्तव (35 वर्ष, BTech ग्रेजुएट) और चिन्मय सिन्हा (32 वर्ष, BCom ग्रेजुएट) शामिल हैं, जो दोनों गाजियाबाद के इंदिरापुरम के रहने वाले हैं। दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने उनके कब्जे से 1.34 करोड़ रुपये नकद, 6 हाई-एंड मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और कई आपराधिक दस्तावेज बरामद किए। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भी कैश जब्ती की सूचना दे दी गई है।
EOW के डीसीपी ने बताया, “गैंग में दो महिलाएं भी शामिल हैं। हम रिमांड पर लेकर बाकी सदस्यों का पर्दाफाश करेंगे। संभवतः इंटर-स्टेट कनेक्शन भी हो सकता है।”
एक पीड़ित अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमारे बेटे का भविष्य संवारने के नाम पर ये लोग हमारी जमा-पूंजी लूट ले गए। 2.5 लाख रुपये दिए, लेकिन न एडमिशन मिला न रिफंड।” पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर वे इस रैकेट के शिकार हुए हैं तो तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। जांच जारी है, और गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी नजदीक बताई जा रही है।
यह घटना शिक्षा क्षेत्र में बढ़ते फ्रॉड का एक और उदाहरण है, जहां अभिभावक उच्च शिक्षा के सपनों में ठगों का शिकार हो रहे हैं। पुलिस ने सलाह दी है कि एडमिशन के लिए हमेशा आधिकारिक चैनलों का ही सहारा लें।

