अलीगढ़ में मंदिरों की दीवारों पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा, हिंदू संगठनों का उग्र विरोध; पुलिस मामले के जांच में जुटी

Aligarh/’I Love Mohammed’ written on temple walls News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में कुछ असामाजिक तत्वों ने हिंदू मंदिरों की दीवारों पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। लोधा क्षेत्र के दो गांवों में कम से कम पांच मंदिरों पर यह अपमानजनक ग्राफिटी मिलने से स्थानीय स्तर पर तनाव फैल गया। हिंदू संगठनों ने सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जबकि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय निवासियों में आक्रोश फैल गया। सुबह के समय जब भक्त मंदिर पहुंचे, तो दीवारों पर काले रंग से लिखे इन शब्दों को देखकर वे स्तब्ध रह गए। करणी सेना और अन्य हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने तत्काल सड़कों पर उतरकर विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और दोषियों को कड़ी सजा की मांग की। एक कार्यकर्ता ने कहा, “यह साफ साजिश है। अगर उल्टा होता तो कितना शोर मचता? अब हम चुप नहीं बैठेंगे।”

सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा तेजी से वायरल हो गया। कई यूजर्स ने वीडियो शेयर करते हुए इसे ‘इस्लामिस्ट गुंडों’ की साजिश बताया और भारत में धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाए। एक पोस्ट में लिखा गया, “अलीगढ़, यूपी: असामाजिक तत्वों ने शिव मंदिर की दीवारों पर ‘आई लव मुहम्मद’ लिखा। हिंदू संगठनों ने मजबूत विरोध प्रदर्शन किया, पुलिस जांच कर रही है।” एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “शॉकिंग: अलीगढ़ में शिव मंदिर की दीवारों पर ‘आई लव मुहम्मद’ लिखा गया, हिंदू संगठन सड़कों पर उतरे।”

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्राफिटी को मिटाने का काम शुरू कर दिया है। एसपी (ग्रामीण) ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है और जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। जिले में शांति बनाए रखने के लिए फोर्स तैनात की गई है। यह घटना तब हुई है जब हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में ‘आई लव मोहम्मद’ से जुड़े विवाद बढ़े हैं। सितंबर में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बालरामपुर में एक सभा में ऐसे पोस्टर्स बांटने वालों को चेतावनी दी थी, कहा था कि यह समाज में अराजकता फैलाने की साजिश है।

विपक्षी दलों ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी है। एक कांग्रेस समर्थक ने ट्वीट किया, “मोदी सरकार विभाजन की राजनीति पर पनपती है। ऐसे हादसे बार-बार इसलिए होते हैं क्योंकि कानून-व्यवस्था कमजोर है।” हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

यह घटना देशभर में ‘आई लव मोहम्मद’ कैंपेन से जुड़े विवादों की याद दिला रही है, जो कानपुर, बरेली, सोनीपत और यहां तक कि जेएनयू जैसे स्थानों पर देखे गए। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया के जरिए फैलाए जा रहे ऐसे संदेश धार्मिक तनाव को भड़का सकते हैं। फिलहाल, अलीगढ़ में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन जांच के नतीजे आने तक सतर्कता बरतने की जरूरत है।

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