यह मामला तब सुर्खियों में आया जब अकील के सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो वायरल हुए, जिसमें उन्होंने परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, एक अन्य वीडियो में वे परिवार की तारीफ करते नजर आ रहे हैं, जिससे जांच और जटिल हो गई है।
मौत की घटना और शुरुआती जांच
35 वर्षीय अकील अख्तर की मौत 16 अक्टूबर को हरियाणा के पंचकूला स्थित उनके सेक्टर-4, मनसा देवी कॉम्प्लेक्स वाले घर में हुई। परिवार ने पुलिस को बताया कि वे कमरे में बेहोश पड़े मिले और अस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। शुरुआत में मौत का कारण नशीली दवाओं का ओवरडोज बताया गया, और पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया, जिसे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित पैतृक गांव में दफनाया गया। अकील चंडीगढ़ हाईकोर्ट में वकील थे और उनकी पत्नी तथा दो बच्चे (एक 7 साल की बेटी और 5 साल का बेटा) हैं।
अकील के आरोप और वीडियो
मौत से कुछ महीने पहले, 27 अगस्त को अकील ने एक 16 मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जिसमें उन्होंने अपने पिता मोहम्मद मुस्तफा पर अपनी पत्नी (बहू) से अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने पिता और पत्नी को संदिग्ध हालत में देखा था, और इससे परिवार में विवाद बढ़ गया। अकील ने आगे कहा कि उनकी मां रजिया सुल्ताना और बहन भी साजिश में शामिल हैं, जो उन्हें झूठे केस में फंसाने या मारने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने परिवार पर उन्हें मानसिक रूप से बीमार बताने, जबरन रिहैब सेंटर भेजने, आर्थिक रूप से कमजोर करने और धमकी देने के इल्जाम लगाए। वीडियो में अकील ने अपनी जान को खतरा बताते हुए मदद की गुहार लगाई थी।
हालांकि, मौत से कुछ समय पहले का एक दूसरा 3 मिनट का वीडियो सामने आया है, जिसमें अकील परिवार को क्लीन चिट देते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले वीडियो में लगाए आरोप उनकी मानसिक बीमारी के कारण थे, और परिवार ने उनका अच्छा ख्याल रखा है। इस वीडियो ने मामले में नया ट्विस्ट ला दिया है, क्योंकि यह पहले आरोपों से पूरी तरह विपरीत है।
FIR और पुलिस कार्रवाई
अकील की मौत के बाद, मलेरकोटला के रहने वाले परिवार के परिचित शमशुद्दीन चौधरी ने 17 अक्टूबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पहले वीडियो का हवाला देते हुए मौत को संदिग्ध बताते हुए हत्या और साजिश का आरोप लगाया। इसके आधार पर 20 अक्टूबर को पंचकूला के एमडीसी पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103(1) (हत्या) और 61 (आपराधिक साजिश) के तहत FIR दर्ज की गई। आरोपी में मोहम्मद मुस्तफा, रजिया सुल्ताना, उनकी बेटी और अकील की पत्नी शामिल हैं।
पंचकूला की डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एसीपी स्तर के अधिकारी की देखरेख में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित की गई है। जांच में वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट, डायरी और अन्य सबूतों की वैज्ञानिक जांच की जा रही है, ताकि कोई दोषी न बचे और निर्दोष को सजा न मिले।
परिवार का पक्ष
मोहम्मद मुस्तफा ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि अकील मानसिक रूप से अस्थिर थे और नशे की लत के शिकार थे। उन्होंने पहले वीडियो को अकील की बीमारी का नतीजा बताया और दूसरे वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि सच्चाई जल्द सामने आएगी। मुस्तफा ने कुछ लोगों पर राजनीतिक साजिश रचने का आरोप लगाया और समर्थकों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। परिवार ने 25 अक्टूबर को मलेरकोटला में ‘इज्तेमाई दुआ’ का आयोजन किया है।
मोहम्मद मुस्तफा का बैकग्राउंड
1985 बैच के आईपीएस अधिकारी मुस्तफा पंजाब पुलिस में डीजीपी रह चुके हैं और 2021 में रिटायर होने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए। वे नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी माने जाते हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोधी रहे। उनकी पत्नी रजिया सुल्ताना मलेरकोटला से तीन बार विधायक रहीं और कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं।
यह हाई-प्रोफाइल मामला राजनीति, परिवारिक विवाद और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है। पुलिस जांच पूरी होने तक सच्चाई का इंतजार है, लेकिन वीडियो के विरोधाभास ने इसे और रहस्यमयी बना दिया है।

