बिहार चुनाव 2025: गायघाट सीट पर बढ़ी आपसी तकरार, जेडीयू ने कोमल सिंह को दिया टिकट

Bihar Assembly Elections Muzaffarpur News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं और एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे के बाद अब उम्मीदवारों की घोषणा हो रही है। मुजफ्फरपुर जिले की गायघाट विधानसभा सीट पर जेडीयू ने कोमल सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। यह फैसला पूर्व विधायक महेश्वर प्रसाद यादव के गुट के लिए झटका माना जा रहा है, जिससे सीट पर तकरार और बढ़ गई है।

कोमल सिंह जेडीयू एमएलसी दिनेश प्रसाद सिंह की बेटी और वैशाली से एलजेपी (आरवी) सांसद वीणा देवी की बेटी हैं। उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में एलजेपी के टिकट पर गायघाट से चुनाव लड़ा था और तीसरे स्थान पर रही थीं, जहां उन्होंने 36,851 वोट हासिल किए थे। उस चुनाव में आरजेडी के निरंजन रॉय ने जीत हासिल की थी, जबकि जेडीयू के महेश्वर प्रसाद यादव दूसरे स्थान पर रहे थे। कोमल की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद से ही सीट पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

सीट पर तकरार की शुरुआत सितंबर 2025 में एनडीए की एक कार्यकर्ता सम्मेलन से हुई, जहां जेडीयू और एलजेपी (आरवी) कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी। महेश्वर प्रसाद यादव के बेटे प्रभात किरण और कोमल सिंह के समर्थकों ने नारेबाजी की और कुर्सियां फेंकी गईं, जिससे अफरा-तफरी मच गई। प्रभात किरण ने दावा किया कि स्थानीय लोग बाहरी हस्तक्षेप नहीं चाहते, जबकि कोमल सिंह ने आरोप लगाया कि उन्हें गाली दी गई और हमला किया गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया, लेकिन इस घटना ने एनडीए में आंतरिक कलह को उजागर कर दिया था।

एनडीए में सीट बंटवारे के दौरान गायघाट सीट पहले एलजेपी को दी गई थी, लेकिन बाद में इसे जेडीयू को लौटा दिया गया। जेडीयू ने अपनी पहली सूची में कोमल सिंह को गायघाट से उम्मीदवार घोषित किया है। कोमल ने कहा कि वह पिछले दस सालों से क्षेत्र में काम कर रही हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन पर भरोसा जताया है। वहीं, प्रभात किरण ने निराशा जताते हुए कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत की थी, लेकिन उन्हें धोखा मिला।

गायघाट सीट पर इस बार बहुकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है। आरजेडी मौजूदा विधायक निरंजन रॉय को फिर से मैदान में उतार सकती है, जबकि अन्य पार्टियां जैसे जन सुराज और एएपी भी चुनौती पेश कर सकती हैं। एनडीए में इस तकरार से गठबंधन की एकता पर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन जेडीयू नेता इसे आंतरिक मामला बताकर खारिज कर रहे हैं। चुनाव की तारीखें 6 और 11 नवंबर हैं, और नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।

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