सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौते के बाद सऊदी का बड़ा निवेश, एआई ट्रेनिंग सेंटर से 30 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार का सुनहरा अवसर

Islamabad/Riyadh News: सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच सितंबर में हुए ऐतिहासिक रक्षा समझौते के बाद द्विपक्षीय संबंधों में नई गर्माहट आ गई है। इस समझौते के तुरंत बाद सऊदी अरब की प्रमुख कंपनी गो एआई हब (Go AI Hub) ने पाकिस्तान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने का बड़ा निवेश घोषित किया है। इस पहल से पाकिस्तान के युवाओं को आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण मिलेगा और लंबे समय में करीब 30 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

सऊदी अरब और पाकिस्तान ने 17 सितंबर 2025 को रियाद में ‘रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता’ (Strategic Mutual Defence Agreement) पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत दोनों देशों पर हमले को संयुक्त खतरे के रूप में देखा जाएगा।

इस सैन्य गठबंधन के बाद आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सऊदी ने तुरंत कदम उठाया। गो एआई हब, जो रियाद मुख्यालय वाली एक प्रमुख कंपनी है और सऊदी सरकार व व्यवसायों को एआई-आधारित समाधान प्रदान करती है, ने पाकिस्तान में डिजिटल विकास, स्टार्टअप इकोसिस्टम और कौशल प्रशिक्षण पर फोकस करने का ऐलान किया।

कंपनी के पहले चरण में कम से कम 50,000 पाकिस्तानी युवाओं को एआई और उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जबकि शुरुआती दौर में 1,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान किया जाएगा। पाकिस्तानी सरकार इस पहल के साथ मिलकर आने वाले वर्षों में एआई क्षेत्र में कुल 30 लाख नौकरियां सृजित करने की योजना पर काम कर रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह निवेश न केवल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे युवाओं के लिए नई राहें खोलेगा।

पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और सऊदी से निवेश की उम्मीद लगाए हुए था। रक्षा समझौते से पहले सऊदी ने पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का ऋण दिया था, जो विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने में सहायक साबित हुआ। अब स्वास्थ्य, संचार और अन्य क्षेत्रों में भी निवेश की चर्चा चल रही है, लेकिन एआई प्रशिक्षण केंद्र इस दिशा में पहला ठोस कदम है।

पाकिस्तानी उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने हाल ही में कहा था कि यह समझौता न केवल सुरक्षा बल्कि आर्थिक विकास का भी आधार बनेगा। सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की ‘विजन 2030’ पहल के तहत यह निवेश क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने का हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि, निवेश की सटीक राशि अभी घोषित नहीं की गई है, लेकिन इसका प्रभाव पाकिस्तान के डिजिटल सेक्टर पर व्यापक होगा।

यह विकास भारत, ईरान और इजरायल जैसे पड़ोसी देशों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सऊदी-पाकिस्तान गठबंधन क्षेत्रीय भू-राजनीति को प्रभावित कर सकता है। फिलहाल, पाकिस्तानी युवाओं में उत्साह का माहौल है, जो तकनीकी क्रांति का हिस्सा बनने को बेताब हैं।

यह भी पढ़ें: ऋषिकेश: हिंदू संगठन के विरोध के बीच मिस ऋषिकेश प्रतियोगिता, प्रतिभागियों ने कहा- ‘लड़कियां बचपन से ऐसी लड़ाइयां लड़ रही हैं’

यहां से शेयर करें