गुलमर्ग में सीजन की पहली बर्फबारी: पर्यटकों ने उठाया विंटर वंडरलैंड का मजा, कश्मीर में सर्दी ने दी दस्तक

Srinagar/Gulmarg News: जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुलमर्ग में सीजन की पहली बर्फबारी ने चारों तरफ सफेद चादर बिछा दी है।

अक्टूबर के शुरुआती दिनों में ही आई इस अनपेक्षित बर्फबारी ने पर्यटकों को विंटर वंडरलैंड का अनोखा नजारा दिखाया, जिसका वे जी भरकर लुत्फ उठा रहे हैं। कोंगडोरी मैदान से लेकर अफरावत पीक तक बर्फ की चमक ने गुलमर्ग को जादुई दुनिया में बदल दिया है, और पर्यटक परिवारों संग बर्फ में लोट-पोट होते, स्नोबॉल फाइट खेलते और गोंडोला राइड का आनंद लेते नजर आ रहे हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, 3 अक्टूबर को गुलमर्ग के ऊपरी इलाकों में हल्की बर्फबारी शुरू हुई, जो 6 अक्टूबर को तेज हो गई। कोंगडोरी मैदान पर 24 घंटों में बर्फ की परत जम गई, जबकि सोनमर्ग, पहलगाम और गुरेज वैली जैसे अन्य पर्यटन स्थलों पर भी हल्की बर्फबारी दर्ज की गई। श्रीनगर में अधिकतम तापमान 30 डिग्री से गिरकर 12.5 डिग्री सेल्सियस रह गया, जबकि गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चला गया।

पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 5 से 7 अक्टूबर तक भारी बर्फबारी और बारिश का अनुमान है, जिसके चलते कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं।
पर्यटकों में इस बर्फबारी को लेकर खुशी की लहर है। कोलकाता से आए एक दंपति ने बताया, “हम पहली बार कश्मीर आए हैं। अक्टूबर में बर्फबारी का सपना भी नहीं सोचा था। यह जन्नत का नजारा है!” वहीं, दिल्ली से घूमने आई एक फैमिली ने कहा, “बच्चे बर्फ में खेलकर इतने खुश हैं कि ट्रिप यादगार बन गई।” सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और फोटोज में पर्यटक बर्फीले ढलानों पर नाचते-गाते और गोंडोला से ऊंचाइयों का दीदार करते दिख रहे हैं। जम्मू-कश्मीर केबल कार कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को ही 400 से ज्यादा पर्यटकों ने चेयरलिफ्ट सर्विस का इस्तेमाल किया।

यह बर्फबारी कश्मीर के पर्यटन उद्योग के लिए वरदान साबित हो रही है। अप्रैल में पहलगाम हमले के बाद पर्यटन पर पड़े ब्रेक के बाद जनवरी-जून 2025 में 19,570 विदेशी और 95 लाख घरेलू पर्यटक आए थे। अब पर्यटन विभाग को उम्मीद है कि इस सर्दी में 15-20 फीसदी ज्यादा आगमन होगा। स्थानीय होटल संचालक रेहाना बेगम ने कहा, “यह जल्दी बर्फबारी हमारे लिए आशीर्वाद है। पर्यटक पहले से ही गोंडोला राइड्स बुक कर रहे हैं।” हालांकि, भारी बर्फबारी से जोखिम भी बढ़ गया है। प्रशासन ने ऊंचाई वाले दर्रों पर यात्रा सलाह जारी की है, जिसमें मौसम अपडेट चेक करने और गर्म कपड़ों की सलाह दी गई है।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालयी क्षेत्रों में मौसम की अनिश्चितता बढ़ रही है, जो पानी के संसाधनों को तो बढ़ाएगी लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए चुनौती भी पेश करेगी। फिलहाल, गुलमर्ग की बर्फीली वादियां पर्यटकों को लुभा रही हैं, और कश्मीर एक बार फिर ‘पैराडाइज ऑन अर्थ’ के रूप में चमक रहा है। यदि आप भी इस विंटर मैजिक का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो अभी प्लानिंग शुरू करें—लेकिन मौसम का ध्यान रखें!

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