Haridwar/Dakshin Kali Temple News: उत्तराखंड के पवित्र नगरी हरिद्वार में धार्मिक परंपराओं और आधुनिक जीवनशैली के बीच टकराव फिर से सामने आया है। कनखल स्थित प्रसिद्ध दक्षिण काली मंदिर में शॉर्ट्स पहनकर दर्शन के लिए पहुंची एक महिला को प्रवेश न देने पर वहां जमकर हंगामा मच गया। सुरक्षा गार्ड और पुजारियों ने मंदिर के ड्रेस कोड का हवाला देकर महिला को रोका, तो नाराज महिला ने पुलिसकर्मियों और पुजारियों से तीखी बहस शुरू कर दी। वीडियो में महिला साफ-साफ कहती नजर आ रही है, “ये रूल आप लोगों ने बनाए हैं, भगवान ने नहीं।” यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है, जिससे परंपरा बनाम व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बहस छिड़ गई है।
घटना गुरुवार दोपहर की बताई जा रही है, जब महिला अपने साथी के साथ मंदिर पहुंची। मंदिर में तैनात सुरक्षा गार्ड ने महिला के छोटे कपड़ों को देखते हुए उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, दक्षिण काली मंदिर सहित हरिद्वार-ऋषिकेश के कई मंदिरों में 2023 से ही सख्त ड्रेस कोड लागू है। इसके तहत महिलाओं को साड़ी, सलवार सूट या अन्य मर्यादित परिधान पहनना अनिवार्य है, जबकि वेस्टर्न या छोटे कपड़ों पर प्रतिबंध है। यह नियम महानिर्वाणी अखाड़ा के श्रीमहंत रविंद्रपुरी के निर्देश पर लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य धार्मिक स्थल की पवित्रता बनाए रखना है।
वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि महिला सबसे पहले गार्ड से उलझती है, फिर पुजारियों को घेर लेती है। वह जोर-जोर से कहती है, “भगवान तो सबको स्वीकार करते हैं, ये तो आपकी बनाई हुई बंदिशें हैं।” बहस के दौरान कुछ श्रद्धालु भी इकट्ठा हो जाते हैं, लेकिन पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराते हैं। महिला को अंततः मंदिर के बाहर ही रहना पड़ता है, लेकिन वह लगातार तर्क देती रहती है कि आस्था के नाम पर ऐसी पाबंदियां महिलाओं के अधिकारों का हनन करती हैं।
मंदिर प्रबंधन ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ड्रेस कोड सभी के लिए समान है और यह परंपराओं का सम्मान करने का तरीका है। एक पुजारी ने बताया, “मंदिर भगवान का घर है, यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मर्यादा का पालन करना चाहिए। हमने पहले भी कई बार अपील की है कि छोटे कपड़ों में न आएं।” वहीं, सोशल मीडिया पर वीडियो को हजारों व्यूज मिल चुके हैं। कुछ यूजर्स महिला के पक्ष में हैं, जो इसे ‘महिला सशक्तिकरण’ बता रहे हैं, तो कुछ पुजारियों का समर्थन कर रहे हैं, कहते हुए कि धार्मिक स्थलों पर अनुशासन जरूरी है।
यह विवाद दक्षिण भारत के मंदिरों में लागू ड्रेस कोड से प्रेरित लगता है, जहां तमिलनाडु और कर्नाटक के मंदिरों में भी इसी तरह की पाबंदियां हैं। हरिद्वार में कांवड़ मेले के दौरान भीड़ बढ़ने पर ऐसे नियमों का सख्ती से पालन किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं आधुनिक युवा पीढ़ी और पारंपरिक मूल्यों के बीच संवाद की जरूरत को रेखांकित करती हैं। फिलहाल, पुलिस ने मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझा लिया है, लेकिन यह वीडियो बहस को हवा दे रहा है।

