रायबरेली रेलवे स्टेशन पर जीएम निरीक्षण के दौरान पत्रकारों पर फूटा एसआई का गुस्सा, हंगामा मच गया

Rae Bareli Railway Station News: उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) के रायबरेली सिटी रेलवे स्टेशन निरीक्षण दौरे के दौरान एक अप्रिय घटना ने सुर्खियां बटोर लीं। पार्किंग ड्यूटी पर तैनात सब-इंस्पेक्टर (एसआई) नरसीराम गुर्जर ने कवरेज कर रहे पत्रकारों पर भड़कते हुए कथित तौर पर गाली-गलौज की और उन्हें धमकियां दीं। इस घटना से स्थानीय मीडिया बिरादरी में रोष फैल गया है, और पुलिस अधिकारियों पर पत्रकारों के प्रति असहिष्णु रवैया अपनाने का आरोप लग रहा है।

घटना गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे की बताई जा रही है, जब जीएम का दल स्टेशन के सुंदरीकरण कार्यों, यातायात व्यवस्था और सुरक्षा प्रोटोकॉल का जायजा लेने पहुंचा। जीएम के दौरे की कवरेज के लिए स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया के कई पत्रकार मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार, एसआई नरसीराम गुर्जर, जो पार्किंग क्षेत्र की निगरानी कर रहे थे, को लगा कि पत्रकार उनके क्षेत्र में बिना अनुमति घुस रहे हैं। इससे भड़के एसआई ने पत्रकारों को रोक लिया और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। एक पत्रकार ने बताया, “हम जीएम के दौरे की सामान्य कवरेज कर रहे थे, लेकिन एसआई साहब ने हमें ‘बाहर निकलो वरना…’ कहकर धमकाया। यह पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला है।”

घटना के बाद मौके पर मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने एसआई को शांत किया, लेकिन पत्रकारों ने वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इन वीडियो में एसआई का गुस्सैल अंदाज साफ दिख रहा है। स्थानीय पत्रकार संघ ने इसकी कड़ी निंदा की है और एसपी रायबरेली से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। संघ के अध्यक्ष ने कहा, “रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थल पर पत्रकारों को कवरेज का हक है। एसआई का व्यवहार निंदनीय है, और दोषी पर सख्त एक्शन हो।”

रायबरेली सिटी स्टेशन हाल ही में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत अपग्रेड हो रहा है, और जीएम का दौरा इसी प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा के लिए था। स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि दौरे में पार्किंग और ट्रैफिक मैनेजमेंट पर विशेष जोर दिया गया, लेकिन इस हादसे ने माहौल खराब कर दिया। पुलिस विभाग से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन एसएसपी रायबरेली ने जांच के आदेश दे दिए हैं।

यह घटना उस समय हुई जब रायबरेली में रेलवे के विकास कार्य तेज हो रहे हैं। पहले भी स्टेशन सुंदरीकरण परियोजना में देरी को लेकर विवाद हुआ था, लेकिन पत्रकारों पर हमले जैसी यह घटना नई नहीं है। मीडिया बिरादरी आशा कर रही है कि इस मामले में त्वरित न्याय मिले, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

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