Sidoarjo East Java News: इंडोनेशिया के पूर्वी जावा प्रांत के सिडोअरजो शहर में सोमवार दोपहर एक इस्लामी बोर्डिंग स्कूल की इमारत ढह गई, जिसमें कम से कम तीन छात्रों की मौत हो गई और 99 अन्य घायल हो गए। आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, मलबे में अभी भी 38 छात्र फंसे होने का अनुमान है, जबकि शुरुआती आंकड़ों में यह संख्या 65 बताई गई थी। बचाव दल ऑक्सीजन और पानी की आपूर्ति करते हुए फंसे छात्रों को बचाने के लिए रात-दिन जुटे हुए हैं।
घटना अल-खोजिनी इस्लामी बोर्डिंग स्कूल (पेसांट्रेन) में दोपहर करीब 3 बजे हुई, जब सैकड़ों छात्र दो मंजिला प्रार्थना कक्ष में दोपहर की नमाज के लिए एकत्र थे। प्रार्थना कक्ष की इमारत पर अवैध रूप से तीसरी और चौथी मंजिल का निर्माण चल रहा था, जिसके कारण नींव कमजोर हो गई और पूरा ढांचा भरभरा गया। स्थानीय पुलिस के प्रवक्ता जूल्स अब्राहम अबास्ट ने बताया कि निर्माण के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी और कंक्रीट डालने के दौरान ही स्टील के बीम टूट गए, जिससे ऊपरी हिस्सा नीचे गिर पड़ा।
राष्ट्रीय खोज एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख मोहम्मद स्याफी ने मंगलवार दोपहर तक की रिपोर्ट में कहा, “कुल 102 लोग प्रभावित हुए, जिनमें 99 को जिंदा निकाला गया और तीन की मौत हो चुकी है।” बचाव कार्य में सैकड़ों कर्मी, पुलिसकर्मी और सैनिक शामिल हैं, लेकिन भारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा क्योंकि इससे और मलबा गिरने का खतरा है। बचाव अधिकारी नानंग सिगित ने कहा, “हम फंसे छात्रों को ऑक्सीजन पहुंचा रहे हैं और उन्हें जिंदा रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। कुछ शव दिखाई दे रहे हैं, लेकिन प्राथमिकता बचाव को दी जा रही है।”
स्कूल परिसर के बाहर माता-पिता और परिजन चिंता में डूबे हुए हैं। एक मां रोते हुए बोली, “हे भगवान, मेरा बेटा अभी भी मलबे में फंसा है, कृपया उसकी मदद करें!” अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। स्कूल में 12 से 17 साल के लड़के छात्र मुख्य रूप से प्रभावित हुए हैं। यह स्कूल 1927 में स्थापित हुआ था और यहां 2,000 से अधिक छात्र पढ़ते हैं।
यह घटना पिछले एक महीने में इंडोनेशिया में दूसरी बड़ी इमारत ढहने की घटना है। 3 सितंबर को पश्चिमी जावा के बोगोर जिले में एक कुरान पाठ के दौरान सामुदायिक हॉल गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि देश में निर्माण मानकों की कमी और अवैध विस्तार आम समस्या है, खासकर भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में। सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और प्रभावित परिवारों को सहायता का वादा किया है।
बचाव कार्य जारी है, और अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही बाकी छात्रों को सुरक्षित निकाला जा सकेगा। यह दुखद हादसा पूरे देश में शोक की लहर ला दिया है।

