पाकिस्तान में HPV वैक्सीनेशन अभियान तेज, सरविकल कैंसर रोकथाम की उम्मीद, लेकिन अफवाहों के चलते लगा ग्रहण

HPV Vaccination : पाकिस्तान ने सरविकल कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़कियों को बचाने के लिए सितंबर 2025 में अपना पहला HPV (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया। यह अभियान 9 से 14 वर्ष की लगभग 11 से 13 मिलियन लड़कियों को लक्षित करता है, लेकिन अफवाहों और गलत सूचनाओं के कारण केवल आधे लक्ष्य तक पहुंच पाया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक करीब 9 मिलियन लड़कियों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, जो एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन मिसइनफॉर्मेशन ने अभियान को गंभीर चुनौती दी है।

HPV वैक्सीन सरविकल कैंसर के प्रमुख कारण HPV वायरस से लड़ने के लिए डिजाइन की गई है, जो महिलाओं में योनि के कैंसर का 99 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ के सहयोग से चलाए जा रहे इस अभियान का दायरा पंजाब, सिंध, पाक-अधिकृत कश्मीर और इस्लामाबाद तक फैला है। गावी (Gavi) संगठन के समर्थन से वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही है, और WHO ने 49,000 स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया है ताकि अभियान सुचारू रूप से चले। स्वास्थ्य मंत्री सैयद मुस्तफा कमाल ने अपनी बेटी को वैक्सीन लगवाकर जनता का विश्वास जीतने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “अगर यह वैक्सीन हानिकारक होती, तो क्या हम अपने ही बच्चों को लगवाते? यह अफवाहें फैलाने का समय नहीं, बल्कि अपनी बेटियों को बचाने का है।”

हालांकि, अभियान की शुरुआत से ही सोशल मीडिया और स्थानीय समुदायों में अफवाहें फैल गईं। सबसे प्रमुख दावा यह है कि वैक्सीन से लड़कियों में बांझपन (इनफर्टिलिटी) हो जाता है। इसके अलावा, यह अफवाह भी प्रचलित है कि वैक्सीन हार्मोन असंतुलन पैदा करती है या शादी से पहले यौन गतिविधि को बढ़ावा देती है—एक ऐसा मुद्दा जो पाकिस्तान जैसे रूढ़िवादी समाज में संवेदनशील है। फ्रांस 24 और आरएफआई की रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई माता-पिता ने स्वास्थ्यकर्मियों के दरवाजे पर पहुंचने पर दरवाजे बंद कर दिए, जबकि कुछ स्कूलों को दिनों तक बंद रखा गया।

एक्स (पूर्व ट्विटर) पर भी यह बहस तेज है। एक पोस्ट में यूजर @channelstv ने लिखा, “माता-पिता वैक्सीन से डरकर दरवाजे बंद कर रहे हैं, जबकि यह गलत दावों पर आधारित है।” इसी तरह, @dwnews ने फैक्ट-चेक रिपोर्ट साझा की, जिसमें कहा गया कि वैक्सीन सुरक्षित है और 150 से अधिक देशों में लाखों लड़कियों को दी जा चुकी है।

डीडब्ल्यू फैक्ट-चेक के अनुसार, वैक्सीन से बांझपन या यौन व्यवहार में बदलाव का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। WHO ने स्पष्ट किया है कि यह वैक्सीन यौन संक्रामक वायरस से बचाव करती है और किशोरावस्था में दी जाने पर सबसे प्रभावी होती है।
पाकिस्तान में सरविकल कैंसर एक गंभीर समस्या है। सालाना 3,000 से अधिक महिलाओं की मौत हो रही है, और देर से पता चलने पर इलाज महंगा (11,000 डॉलर तक) पड़ता है। जेपिएगो की डॉ. अमिनाह खान ने कहा, “यह अभियान महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक टर्निंग पॉइंट है। हमें अफवाहों के खिलाफ जागरूकता अभियान तेज करने होंगे।” सिविल सोसाइटी संगठन समुदायों में जागरूकता फैला रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सांस्कृतिक बाधाओं और डिजिटल मिसइनफॉर्मेशन को दूर करने के लिए लंबे समय की रणनीति जरूरी है।

भविष्य की योजना में HPV वैक्सीन को विस्तारित टीकाकरण कार्यक्रम (EPI) में शामिल करना है, ताकि 9 वर्ष की लड़कियों को रूटीन वैक्सीनेशन मिल सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हेल्पलाइन 1166 शुरू की है, जहां माता-पिता सवाल पूछ सकते हैं। विशेषज्ञों का आह्वान है: “अफवाहों को नजरअंदाज करें, विज्ञान पर भरोसा करें। अपनी बेटी की सेहत आज बचाएं, कल का पाकिस्तान मजबूत बनेगा।”

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