संयुक्त राष्ट्र में पाक पीएम के भाषण पर भारत ने किया तीखा प्रहार ‘आतंकवाद का महिमामंडन बंद करें, शांति की राह साफ हो’

Pakistan should stop glorifying terrorism: संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाषण पर भारत ने कड़ा जवाब दिया है। भारतीय स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के प्रायोजक के रूप में बेनकाब करते हुए कहा कि “नाटक और झूठ का कोई स्तर सच्चाई को छिपा नहीं सकता”। शरीफ ने अपने संबोधन में भारत के साथ शांति की इच्छा जताई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को युद्ध रुकवाने का श्रेय दिया, लेकिन भारत ने ट्रंप की भूमिका को खारिज करते हुए पाकिस्तान पर जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों पर हुए बर्बर हमलों का जिम्मेदार ठहराया।

शरीफ ने बुधवार को यूएनजीए में कहा, “पाकिस्तान ने अपनी पूर्वी सीमा पर दुश्मन के उकसावे का जवाब दिया और भारत को पहलगाम हमले की निष्पक्ष जांच की पेशकश की थी।” उन्होंने पहलगाम घटना को राजनीतिक हथियार बनाने का भारत पर आरोप लगाते हुए दावा किया, “हमने भारत के साथ युद्ध जीत लिया है, अब हम शांति चाहते हैं। पाकिस्तान सभी लंबित मुद्दों पर भारत के साथ व्यापक और कारगर वार्ता करने को तैयार है।” शरीफ ने अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम हमले के बाद मई में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को रोकने में ट्रंप की भूमिका का उल्लेख किया, लेकिन भारत ने इसे “काल्पनिक” बताते हुए कई बार खारिज कर चुका है।

भारत की ओर से जवाब देते हुए पेटल गहलोत ने कहा, “इस सभा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की बेतुकी नौटंकी देखी, जिन्होंने एक बार फिर आतंकवाद का महिमामंडन किया, जो उनकी विदेश नीति का मूल हिस्सा है।” उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए जोड़ा, “यह वही पाकिस्तान है जिसने 25 अप्रैल 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों पर हुए बर्बर नरसंहार के लिए द रेजिस्टेंस फ्रंट

(टीआरएफ) जैसे चरमपंथी संगठन को जवाबदेही से बचाया।” गहलोत ने पाकिस्तान को ओसामा बिन लादेन को एक दशक तक छिपाने का भी दोषी ठहराया, “याद कीजिए, यही पाकिस्तान था जिसने ओसामा बिन लादेन को एक दशक तक छिपाए रखा, जबकि वह आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में साझेदार होने का दिखावा कर रहा था।”

पहलगाम हमला, जो 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम के बैसरन घाटी में हुआ, में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने शुरुआत में हमले की जिम्मेदारी ली, लेकिन बाद में इनकार कर दिया। भारतीय जांच एजेंसियों ने हमलावरों को पाकिस्तान प्रायोजित बताया और मई 2025 में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च कर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव बढ़ गया। पाकिस्तान ने हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया और निष्पक्ष जांच की मांग की।

गहलोत ने शरीफ की शांति की अपील पर तंज कसते हुए कहा, “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के साथ शांति चाहने की बात कही है। अगर वह वाकई ईमानदार हैं तो रास्ता साफ है। पाकिस्तान को तुरंत सभी आतंकवादी कैंपों को बंद कर देना चाहिए और भारत में वांछित आतंकवादियों को हमें सौंप देना चाहिए।” उन्होंने जोर देकर कहा, “सच्चाई यह है कि पहले की तरह ही, भारत में निर्दोष नागरिकों पर आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान ही जिम्मेदार है।”

यह घटनाक्रम भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव को और गहरा करने वाला है, खासकर कश्मीर मुद्दे पर। पेटल गहलोत, जो एक युवा राजनयिक के साथ-साथ गायिका और गिटार वादक भी हैं, ने अपने भाषण से अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए। यूएन में भारत का यह जवाब पाकिस्तान की “आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीति” के खिलाफ एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

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