KP Sharma Oli appears at party meeting amid Generation-Z protests: नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने इस्तीफे के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए। वे सीपीएन-यूएमएल (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट) की गुप्त सचिवालय बैठक में शामिल हुए, जो काठमांडू में आयोजित की गई। यह उपस्थिति उस समय हुई जब देश जनरेशन-जेड (जेन-जेड) के नेतृत्व वाले हिंसक प्रदर्शनों के बाद राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है।
ओली का यह आगमन 8 सितंबर को शुरू हुए घातक प्रदर्शनों के बाद आया है, जिसमें कम से कम 74 लोगों की मौत हो चुकी है। ये प्रदर्शन भ्रष्टाचार, सरकारी स्वतंत्रता प्रतिबंधों और सोशल मीडिया पर लगाए गए बैन के खिलाफ थे। प्रदर्शनकारियों ने संघीय संसद के पास धरना दिया, जिसके दौरान पुलिस ने गोलीबारी की, जिसमें कई युवा मारे गए। इस हिंसा के बाद ओली को 9 सितंबर को इस्तीफा देना पड़ा, और पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशिला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।
सीपीएन-यूएमएल के नेता प्रदीप ज्ञवाली ने बताया कि ओली नेपाल आर्मी की सुरक्षा में छिपे हुए थे, लेकिन पार्टी की इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद वे सार्वजनिक जीवन में लौट आएंगे। ओली ने एक बयान में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने के आरोपों को खारिज किया था। उन्होंने कहा, “सरकार ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था। पुलिस ने संसद के अंदर से आगजनी करने वाले प्रदर्शनकारियों पर आत्मरक्षा में फायरिंग की।”
जेन-जेड प्रदर्शन, जो मुख्य रूप से छात्रों और युवाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं, ने देश भर में आंदोलन को नई गति दी है। काठमांडू, पोखरा, बुटवल और बिरगुंज जैसे शहरों में प्रदर्शनकारियों ने नेताओं के घरों पर हमले किए, जिसमें संचार मंत्री पृथ्वी सुभ्बा गुरुंग का घर आग के हवाले कर दिया गया। संयुक्त राष्ट्र ने भी नेपाल सरकार से मानवाधिकारों का सम्मान करने की अपील की है।
काठमांडू के मेयर बालेंदर शाह ‘बालेन’ ने प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने की अपील की है, जबकि संसद के दोनों सदनों ने हिंसा की निंदा की है। ओली के इस्तीफे के बाद भी प्रदर्शन जारी हैं, और जनता पूर्व मुख्य न्यायाधीश कार्की में विश्वास जता रही है। राजनीतिक दल अंतरिम सरकार गठन के लिए राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के आवास पर बैठक कर रहे हैं।
यह घटनाक्रम नेपाल की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, जहां युवा पीढ़ी भ्रष्टाचार और पक्षपातपूर्ण शासन के खिलाफ खुलकर उतर आई है। ओली की वापसी पार्टी के भीतर एकजुटता का संकेत दे रही है, लेकिन प्रदर्शनों की आग अभी बुझी नहीं है।
यह भी पढ़ें: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन की तिथि आई नजदीक, हो रही तैयारियां

