The SIR’s conspiracy is the biggest threat to democracy.: कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने अपनी महत्वपूर्ण बैठक में केंद्र सरकार की नीतियों पर तीखा प्रहार किया है। बैठक में एसआईआर (सर्च इंजन रिजल्ट्स) की कथित साजिश को लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया। पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि यह साजिश न केवल सूचना के प्रवाह को नियंत्रित कर रही है, बल्कि विपक्षी दलों को कमजोर करने का काम भी कर रही है। यह बयान बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जहां कांग्रेस गठबंधन के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी हुई है।
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता, पूर्व प्रधानमंत्री राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य एजेंडा देश की बदलती राजनीतिक परिस्थितियां, आगामी चुनाव और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा था। सीडब्ल्यूसी ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें एसआईआर को ‘लोकतंत्र पर सबसे बड़ा खतरा’ करार दिया गया। पार्टी का कहना है कि सर्च इंजनों के माध्यम से फैलाई जा रही फर्जी खबरें और पक्षपातपूर्ण सामग्री विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास है।
बैठक में बिहार चुनावों पर विशेष चर्चा हुई। कांग्रेस ने कहा कि बिहार में आरजेडी के साथ गठबंधन मजबूत है और पार्टी पूरे दम के साथ चुनाव लड़ेगी। हालांकि, एसआईआर की साजिश से प्रभावित मीडिया कवरेज को लेकर चिंता जताई गई। राहुल गांधी ने कहा, “लोकतंत्र की जड़ें तब मजबूत होती हैं जब हर आवाज सुनी जाए। लेकिन एसआईआर जैसी साजिशें सूचना को तोड़-मरोड़ रही हैं, जो हमारे संवैधानिक अधिकारों पर हमला है।” उन्होंने बिहार की जनता से अपील की कि वे ऐसी साजिशों से सावधान रहें और सच्चाई के आधार पर वोट दें।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि सीडब्ल्यूसी ने केंद्र सरकार से एसआईआर पर नियंत्रण लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा, “यह साजिश न केवल कांग्रेस बल्कि पूरे विपक्ष को निशाना बना रही है। बिहार चुनावों में हम इसे उजागर करेंगे।” बैठक में अन्य मुद्दों जैसे महंगाई, बेरोजगारी और किसान आंदोलन पर भी चर्चा हुई, लेकिन एसआईआर का मुद्दा सबसे प्रमुख रहा।
कांग्रेस ने फैसला किया है कि आने वाले दिनों में देशभर में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें डिजिटल साक्षरता पर जोर दिया जाएगा। बिहार में पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए जल्द ही एक और बैठक बुलाई जाएगी। विपक्षी दलों ने इस बयान का समर्थन किया है, जबकि सत्ताधारी दल ने इसे ‘राजनीतिक बयानबाजी’ करार दिया।
यह बैठक कांग्रेस के लिए एक नया संकल्प लेकर आई है, जहां पार्टी लोकतंत्र की रक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाएगी। बिहार चुनावों के नतीजे इस साजिश के खिलाफ जनता के रुख को परखने का मौका देंगे।

