Funeral held for beloved Assamese singer: असम के संगीत जगत के सुप्रसिद्ध गायक ज़ुबीन गार्ग का सोमवार को सिंगापुर में समुद्री दुर्घटना में निधन होने के बाद मंगलवार को उनके पैतृक गांव कमारकुची एनसी में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गुणाहाटी के बाहरी इलाके में स्थित इस श्मशान घाट पर हजारों प्रशंसक, परिजन और शुभचिंतक इकट्ठा हुए, जो आंसुओं और जयकारों के बीच अपने चहेते कलाकार को अंतिम विदाई दे रहे थे। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी शोकाकुल भीड़ में शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे।
ज़ुबीन गार्ग का शव सुबह करीब 7:30 बजे अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से निकाला गया, जहां लाखों लोगों ने पिछले दो दिनों में उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए थे। शव को गमछा ओढ़ाकर एम्बुलेंस में रखा गया, जिसके साथ उनकी पत्नी गारिमा साइकिया गार्ग और परिवार के सदस्य भी थे। लगभग 85 परिजनों और निकट सहयोगियों के साथ शोभायात्रा कमारकुची की ओर रवाना हुई। रास्ते भर ‘जय ज़ुबीन दा’ के नारे गूंजते रहे। असम पुलिस के जवान ताबूत के कंधे उठाने वाले पल्लेबियर बने, जबकि अंतिम संस्कार स्थल पर 3.3 एकड़ सरकारी भूमि पर विशेष व्यवस्था की गई थी।
मुख्यमंत्री सरमा ने सोमवार को ही श्मशान स्थल का निरीक्षण किया था और मीडिया को बताया था कि जubin का अंतिम संस्कार सुबह 10 बजे के आसपास होगा। उन्होंने कहा, “ज़ुबीन दा असम का गौरव थे। उनके गीतों ने हमारी संस्कृति और भावनाओं को दुनिया भर में फैलाया। कभी ऐसा दूसरा ज़ुबीन नहीं होगा।” अंतिम संस्कार से पहले गौहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में दूसरा पोस्टमॉर्टम भी कराया गया, जिसमें एआईआईएमएस गुवाहाटी के डॉक्टर भी मौजूद रहे। यह कदम सिंगापुर में हुई दुर्घटना में किसी प्रकार के फाउल प्ले की शिकायतों के मद्देनजर उठाया गया। सिंगापुर हाई कमीशन द्वारा जारी डेथ सर्टिफिकेट में डूबने को मौत का कारण बताया गया है।
ज़ुबीन गार्ग का निधन 19 सितंबर को सिंगापुर में नॉर्थईस्ट इंडिया फेस्टिवल में भाग लेने के दौरान हुआ था। शुरुआत में इसे स्कूबा डाइविंग हादसा बताया गया, लेकिन बाद में स्पष्ट हुआ कि वे लाइफ जैकेट के बिना समुद्र में तैर रहे थे। 52 वर्षीय ज़ुबीन ने असमिया, बंगाली और हिंदी फिल्मों में दर्जनों भाषाओं में गीत गाए, जिनमें ‘या अली’ जैसी हिट गाने शामिल हैं। उन्होंने 2006 में ग्लोबल इंडियन फिल्म अवॉर्ड्स में बेस्ट प्लेबैक सिंगर का पुरस्कार भी जीता। उनके निधन पर असम सरकार ने तीन दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया, जबकि मंगलवार को पूरे राज्य में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बंद रहे। कमरूप मेट्रो जिले में सरकारी कार्यालय भी बंद रहे।
कमरकुची श्मशान पर पहुंचते ही मुख्यमंत्री सरमा ने जubin के शव को पुष्पांजलि दी। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। ज़ुबीन की बहन ने अंतिम संस्कार की रस्में निभाईं, जबकि पुजारियों ने धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए। अंत में असम पुलिस ने गन सैल्यूट देकर उन्हें सलामी दी। जोरहाट के प्रशंसकों ने रविवार को शव को शहर लाने की मांग की थी, लेकिन परिवार की इच्छा के अनुसार गुवाहाटी के निकट कमरकुची को ही चुना गया।
कमरकुची श्मशान पर पहुंचते ही मुख्यमंत्री सरमा ने जubin के शव को पुष्पांजलि दी। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। ज़ुबीन की बहन ने अंतिम संस्कार की रस्में निभाईं, जबकि पुजारियों ने धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए। अंत में असम पुलिस ने गन सैल्यूट देकर उन्हें सलामी दी। जोरहाट के प्रशंसकों ने रविवार को शव को शहर लाने की मांग की थी, लेकिन परिवार की इच्छा के अनुसार गुवाहाटी के निकट कमरकुची को ही चुना गया।
ज़ुबीन के कुत्ते इको, रंबो, तिया और माया भी अंतिम संस्कार में उपस्थित होकर मालिक को श्रद्धांजलि देते नजर आए, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई हस्तियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। असम कैबिनेट ने कमरकुची में उनके स्मारक निर्माण का फैसला लिया है। ज़ुबीन के निधन से असम का सांस्कृतिक जगत सूना हो गया है, लेकिन उनके गीत अमर रहेंगे।

