Ghaziabad news जीडीए वीसी अतुल वत्स ने तुलसी निकेतन योजना के भवनों के जीर्णोद्वार एवं री-डेवलपमेंट को लेकर शनिवार को समीक्षा बैठक की।
बैठक में निर्देश दिया कि योजना के 503 बंद पड़े भवनों पर ताले लगे हैं, जिनके स्वामित्व संबंधी स्पष्टता के आवंटियों से सहमति पत्र हासिल किया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित कियाकि 2 दिनों के भीतर स्थल पर कार्यालय स्थापित कर सर्वे शुरू किया जाए। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 503 भवन बंद पड़े हैं, जिनके स्वामित्व और आवंटन की जानकारी विभाग से ली जा रही है। अधिकांश भवनों में पावर आॅफ अटॉर्नी धारक या किराएदार रह रहे हैं।
प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने कहा कि किसी भी आवासीय परिवार को आवासहीन नहीं किया जाएगा। योजना के तहत 288 एलआईजी, 2004 ईडब्ल्यूएस भवन और 64 दुकानों के जीर्णोद्धार के लिए कार्य प्रगति पर है। सभी आवंटियों के मौलिक अधिकारों को कानूनी सलाहकारों के साथ परखा जाएगा और स्वामित्व स्पष्टता सुनिश्चित की जाएगी।
सूची प्रकाशन व सूचना प्रसार की होगी व्यवस्था
उन्होंने कहा कि बंद भवनों की सूची समाचार पत्रों, प्राधिकरण वेबसाइट और सोशल मीडिया पर प्रकाशित की जाएगी। भवनों पर सूचना पत्रक चस्पा किए जाएंगे ताकि आवंटियों को स्वामित्व संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने का अवसर मिले।
लखनऊ विकास प्राधिकरण से लिया जाएगा अनुभव
जीडीए ने स्पष्ट किया है कि री-डेवलपमेंट के लिए आवंटियों से सहमति पत्र लेने के लिए प्रारूप तैयार किया जाएगा, जिसे प्राधिकरण के अधिवक्ता एवं लेखाकार के जरिए प्रतिपरीक्षित किया जाएगा। योजना में लखनऊ विकास प्राधिकरण के री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का अनुभव भी अध्ययन किया जाएगा।
परियोजना में अतिरिक्त बिल्टअप एरिया का होगा निस्तारण
प्रोजेक्ट के तहत निर्मित अतिरिक्त बिल्टअप एरिया के निस्तारण के लिए एनबीसीसी इंडिया को चयनित करने का प्रस्ताव तैयार है। इस योजना से अधिक आवासीय एवं व्यवसायिक भवन बनाए जाएंगे ताकि किसी को आवासहीन न रहना पड़े।
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