मुख्तार अंसारी के बेटे को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत, फर्जी हस्ताक्षर मामले में मिली बड़ी राहत

Allahabad High Court News: माफिया से राजनेता बने दिवंगत मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी हस्ताक्षर मामले में जमानत दे दी है। यह फैसला शुक्रवार को न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी की एकलपीठ ने सुनाया, जिसमें उमर की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया गया। उमर इस समय कासगंज जिला कारागार में बंद थे और यह राहत उनके लिए महत्वपूर्ण साबित हुई है।

मामला गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने से जुड़ा है, जहां उमर पर गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस के अनुसार, उमर ने अपने पिता मुख्तार अंसारी की गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई संपत्ति को अदालत से मुक्त कराने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। इसमें उनकी फरार मां अफशां अंसारी के हस्ताक्षरों को जाली तरीके से बनाया गया था। अफशां अंसारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है और वे लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। उमर ने वकील लियाकत अली की मदद से 11 जुलाई 2025 को कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें अफशां के नाम से वकालतनामा पेश किया गया। जांच में हस्ताक्षरों का मिलान करने पर फर्जीवाड़ा सामने आया, जिसके बाद मोहम्मदाबाद थाने में धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ।

यह संपत्ति करीब 10 करोड़ रुपये की बताई जा रही है, जो 2021 में गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत कुर्क की गई थी। उमर पर आरोप है कि उन्होंने मां के फर्जी हस्ताक्षर कर संपत्ति को अपने नाम पर हड़पने की कोशिश की। गिरफ्तारी 3 अगस्त 2025 को लखनऊ के दारुलशफा स्थित भाई अब्बास अंसारी के घर से हुई थी। उसके बाद गाजीपुर कोर्ट ने 4 अगस्त को जमानत खारिज कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 21 अगस्त को फिर जमानत याचिका खारिज होने के बाद उमर ने हाईकोर्ट का रुख किया।

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर के वकील ने ट्रायल कोर्ट में मुकदमे की कार्यवाही लंबित रहने तक जमानत की मांग की, जबकि सरकारी पक्ष ने फर्जीवाड़े की गंभीरता का हवाला देकर विरोध किया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत यूटल करने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि उमर पर अब तक सात मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें कई गंभीर धाराएं शामिल हैं।

यह फैसला अंसारी परिवार के लिए राहत का सबब है, खासकर तब जब भाई अब्बास अंसारी को भी हाल ही में हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। हालांकि, पुलिस ने वकील लियाकत अली की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं, जो फरार बताए जा रहे हैं। मामला अभी जांच के दायरे में है और ट्रायल कोर्ट में आगे सुनवाई होगी।

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