Tarn Taran News: पंजाब के तरनतारन जिले के गांव मल्ला के 27 वर्षीय सिकंदर सिंह बेहतर भविष्य की तलाश में रूस गए थे, लेकिन अब वे वहां की एक स्थानीय जेल में बंद हैं। उनके परिवार का आरोप है कि उन्हें धोखे से किसी फ्रॉड में फंसाया गया है और बेवजह कैद किया गया है। सिकंदर सिंह के पिता साहिब सिंह के अनुसार, वह सेंट पीटर्सबर्ग के ग्लावस्ट्रोए स्मू उन्टोलोवा इलाके में काम करने गए थे, लेकिन अब उनके बुजुर्ग माता-पिता बेहद परेशान हैं, क्योंकि परिवार मजदूरी पर निर्भर है और कोई अन्य कमाई का साधन नहीं है।
सिकंदर सिंह का परिवार गरीब मजदूर वर्ग से ताल्लुक रखता है। उनके परिजनों ने बताया कि वह बेहतर रोजगार की उम्मीद में रूस पहुंचे थे, लेकिन वहां उन्हें धोखे का शिकार बनाया गया। परिवार ने मदद की अपील की है और संपर्क नंबर 9765114187 साझा किया है। उन्होंने पंजाब के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा से भी सहायता मांगी है। सिकंदर की तस्वीरें और रूसी वर्क परमिट दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें उनका जन्म 25 मार्च 1998 को दर्ज है और परमिट 17 सितंबर 2024 से 31 जुलाई 2025 तक वैध दिखाया गया है।
यह मामला पंजाब से रूस जाने वाले युवाओं की बढ़ती समस्या की ओर इशारा करता है। हाल के महीनों में कई पंजाबी युवक पर्यटक या छात्र वीजा पर रूस पहुंचकर धोखे से रूसी सेना में भर्ती कर लिए गए हैं और यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 15 भारतीय युवक यूक्रेन-रूस युद्ध क्षेत्र में फंसे हुए हैं, जिनमें से कई पंजाब के गुरदासपुर और अन्य जिलों से हैं। इनमें से कुछ युवकों ने वीडियो संदेश जारी कर बताया है कि एजेंटों ने उन्हें नौकरी का झांसा देकर फंसाया और फिर बंदूक थमा दी गई। वे बिना प्रशिक्षण और भोजन के युद्ध क्षेत्र में भेजे जा रहे हैं।
एक अन्य मामले में, पंजाब के बूटा सिंह नामक युवक छात्र वीजा पर रूस गए थे, लेकिन उन्हें धोखे से रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया। उनके परिवार ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। इसी तरह, सात भारतीय युवकों ने विदेश मंत्रालय से अपील की है कि उन्हें रूसी सेना से बचाया जाए, जहां उन्हें ट्रेनिंग के बिना यूक्रेन के डोनेट्स्क इलाके में भेजा जा रहा है। इन युवकों में गुरसेवक सिंह, सचिन खजुरिया और सुमीत सिंह जैसे नाम शामिल हैं, जो अब फंसे हुए हैं।
विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर सलाह जारी की है कि भारतीय नागरिकों को रूस में नौकरी के प्रस्तावों पर सतर्क रहना चाहिए। हालांकि, सिकंदर सिंह के मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। परिवार की अपील है कि कोई संगठन या व्यक्ति उनकी मदद करे ताकि सिकंदर जल्द से जल्द घर लौट सकें। यह घटनाएं पंजाब से विदेश जाने वाले युवाओं के लिए एक चेतावनी हैं, जहां एजेंट धोखाधड़ी से उन्हें युद्ध जैसे खतरनाक हालात में धकेल रहे हैं।

