8वां वेतन आयोग के गठन में देरी के बावजूद दिवाली तक ऐलान संभव, 30% तक सैलरी हाइक की उम्मीद; जानें लेटेस्ट अपडेट

8th Pay Commission News:   सार
केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी, लेकिन सितंबर मध्य तक इसका गठन नहीं हो सका है। कर्मचारी संगठन चिंतित हैं कि 1 जनवरी 2026 से सिफारिशें लागू कैसे होंगी। हालांकि, लेटेस्ट अपडेट्स के मुताबिक, दिवाली से पहले आयोग का गठन हो सकता है और फिटमेंट फैक्टर 1.86 से 2.86 तक होने की संभावना है, जिससे सैलरी में 30-34% तक बढ़ोतरी हो सकती है। सरकार ने जल्द गठन का आश्वासन दिया है, लेकिन देरी के कारण कर्मचारियों में असमंजस बरकरार है।

विस्तार
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। जनवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसकी घोषणा की थी, जिसमें कहा गया कि सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगी। लेकिन अब सितंबर 2025 के मध्य तक आयोग का गठन ही नहीं हुआ है, न ही अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की गई। इससे पहले के वेतन आयोगों में सिफारिशें तैयार करने और लागू करने में 2-2.5 साल लगते थे, लेकिन इस बार सरकार के पास महज 100 दिन बचे हैं। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इतने कम समय में गठन, बैठकें और सिफारिशें लागू करना तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है।
‘नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत’ के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने कहा, “सरकार ने स्टाफ की भर्ती शुरू की है, लेकिन सदस्यों की नियुक्ति का ऐलान नहीं हुआ। देरी से सिफारिशें लागू होने में विलंब हो सकता है। सरकार फिटमेंट फैक्टर को बेसिक पे से रिप्लेस कर सकती है और सातवें आयोग के पे मेट्रिक्स का इस्तेमाल कर सकती है।” पटेल के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 2.0 होने पर न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 36,000 रुपये हो सकती है, जबकि 1.9 पर 34,200 रुपये। रिपोर्ट्स में फिटमेंट फैक्टर 1.86, 2.46 या 2.86 तक होने की चर्चा है, जिससे सैलरी में 30-34% तक वृद्धि संभव है।

कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने बताया, “वेतन संशोधन 10 नहीं, बल्कि 5 साल में होना चाहिए। मुद्रास्फीति बढ़ रही है, इसलिए दस साल का अंतर कर्मचारियों के लिए अनुकूल नहीं। अब सब डिजिटल है, इसलिए कम समय में काम हो सकता है। पहले मनमोहन सिंह सरकार में 18 महीने लगते थे।” जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआर) को फाइनल किया जा रहा है, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया, जिससे कर्मचारियों में संशय है। जेसीएम ने 18 जून को कैबिनेट सचिव को पत्र भेजकर टीओआर सर्कुलेट करने की मांग की थी।

लेटेस्ट अपडेट्स के मुताबिक, सरकार ने 8वें आयोग का गठन जल्द करने का आश्वासन दिया है। MoS जितेंद्र सिंह ने 4 अगस्त 2025 की बैठक में जल्द गठन का वादा किया। कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि दिवाली (अक्टूबर 2025) तक गठन हो सकता है और रिपोर्ट 8 महीने में तैयार होगी। इससे 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनरों को फायदा होगा। साथ ही, दिवाली से पहले डियरनेस अलाउंस (DA) में बढ़ोतरी की भी संभावना है, जो कर्मचारियों के लिए डबल गिफ्ट साबित हो सकता है।

वित्त मंत्रालय ने आयोग के लिए 35 पदों की भर्ती शुरू की है, लेकिन संसद के मानसून सत्र में पूछे गए सवालों पर सरकार ने कोई स्पष्ट तिथि नहीं बताई। पेंशनर भी चिंतित हैं कि आयोग से उनकी पेंशन और डीआर पर क्या असर पड़ेगा। कुल मिलाकर, देरी के बावजूद सरकार रिकॉर्ड समय में आयोग लागू करने की कोशिश में है, लेकिन कर्मचारी संगठन समय पर क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं।

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