Noida Builders Projects RERA: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदने वालों के लिए खुश खबरी है। पहले पूरा प्रोजेक्ट होने पर बिल्डर सुवधिाए मुहैया कराता था लेकिन अब हर फेज के निर्माण होने पर सुविधाएं दी जाएंगी। इस संबंध में यूपी भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने प्रोजेक्ट पंजीकरण की शर्तों में बदलाव कर आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत हर फेज को प्रोजेक्ट की तरह माना जाएगा। सोसाइटी में लिफ्ट, पानी, बिजली आदि जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं देनी होंगी। रेरा के अधिकारियों ने कहा है कि ऐसा नहीं करने पर प्रोजेक्ट का पंजीकरण नहीं होगा। वहीं पंजीकरण कराने के बाद शर्तों की अनदेखी पर जुर्माना लगाया जाएगा।
रेरा सचिव ने कहा
यूपी रेरा के सचिव महेंद्र वर्मा ने कहा कि बिल्डरों को प्रोजेक्ट का पंजीकरण कराने के समय ही विकास कार्यों और मूलभूत सुविधाओं का भी प्लान अब देना होगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। पिछले साल सितंबर में जारी एसओपी भी इस पर लागू रहेगी। वहां के खरीदारों को मूलभूत सुविधाएं भी देनी होंगी। इनमें फायर सिस्टम, पेयजल, आपातकालीन निकास सेवा और बिजली आदि शामिल हैं। इसका भी प्लान बिल्डर को जमा करना होगा। अफसरों ने बताया कि प्रोजेक्ट तक पहुंचने का रास्ता, स्ट्रीट लाइट, विद्युत आपूर्ति का डिजाइन, एसटीपी का भी ब्योरा देना होगा। प्लान के हिसाब से ही निर्माण करना होगा। हर फेज के खरीदारों को मूलभूत सुविधा देनी होगी।
अब तक 4000 प्रोजेक्ट है पंजीकृत
बता दें कि यूपी रेरा में इस समय 4000 प्रोजेक्ट पंजीकृत है। हर माह 200 से अधिक प्रोजेक्ट पंजीकृत हो रहे हैं, लेकिन बिल्डर प्रोजेक्ट के निर्माण में मनमानी कर रहे हैं। बिल्डर प्रोजेक्ट को अलग-अलग चरण में बनाते हैं। उनकी ओर से सभी जरूरी कागजात जमा नहीं कराए जाते हैं। साथ ही खरीदारों को जरूरी सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। लगातार शिकायत आने के बाद यूपी रेरा ने पंजीकरण के नियमों में बदलाव किया है।
विवाद का कारण क्या
दरअसल, अलग-अलग फेज में बन रहे प्रोजेक्टों में विवाद भी बढ़ रहे हैं। कहीं पर मूलभूत सुविधा नहीं दी जाती तो कहीं पर दूसरे फेज के खरीदारों से विवाद होता रहता है। ग्रेनो वेस्ट की 20 से अधिक सोसाइटी में ही इस तरह के विवाद चल रहे हैं। कुछ दिन पहले निराला एस्टेट और दूसरे फेज के निवासियों के बीच विवाद हुआ था।

