एआई वैज्ञानिक ने किया दावा, ‘सीखने की कला सीखना’ होगी अगली पीढ़ी की सबसे जरूरी स्किल

Athens AI News: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में अग्रणी गूगल डीपमाइंड के सीईओ और 2024 के नोबेल पुरस्कार विजेता डेमिस हसाबिस ने चेतावनी दी है कि तेजी से बदलते एआई युग में अगली पीढ़ी के लिए सबसे महत्वपूर्ण कौशल ‘सीखने की कला सीखना’ होगा। उन्होंने कहा कि एआई की वजह से शिक्षा और कार्यस्थल पर होने वाले परिवर्तनों के बीच अनुकूलन क्षमता ही भविष्य की कुंजी साबित होगी।

हसाबिस ने शुक्रवार को एथेंस के प्राचीन रोमन थिएटर में एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही, जो एक्रोपोलिस के पास स्थित है। इस आयोजन में उन्होंने ग्रीक प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस के साथ एआई, नैतिकता और लोकतंत्र पर चर्चा की। हसाबिस ने जोर देकर कहा, “भविष्य की भविष्यवाणी करना पहले से ही कठिन है, 10 साल आगे की बात करें तो। लेकिन आज एआई इतनी तेजी से बदल रहा है—यहां तक कि हफ्ते-दर-हफ्ते—कि यह और भी मुश्किल हो गया है।” उन्होंने अनुमान लगाया कि अगले दशक में कृत्रिम सामान्य बुद्धिमत्ता (एजीआई) विकसित हो सकती है, जहां मशीनें मानव संज्ञानात्मक क्षमताओं से मेल खा सकेंगी, जिससे ‘रैडिकल अबंडेंस’ (अत्यधिक समृद्धि) की स्थिति पैदा हो सकती है, हालांकि इससे जुड़े जोखिम भी हैं।

नोबेल विजेता हसाबिस ने ‘मेटा-स्किल्स’ पर जोर दिया, जैसे कि नई चीजों को सीखने का तरीका समझना और नए विषयों पर दृष्टिकोण को अनुकूलित करना। उन्होंने पारंपरिक विषयों जैसे गणित, विज्ञान और मानविकी के साथ-साथ इन कौशलों को अपनाने की सलाह दी। “एक बात तो निश्चित है कि आपको अपने पूरे करियर में लगातार सीखना पड़ेगा,” उन्होंने कहा। हसाबिस का मानना है कि एआई के कारण नौकरियां और शिक्षा प्रणाली पूरी तरह बदल जाएंगी, इसलिए लचीलापन और निरंतर सीखना ही सफलता की गारंटी होगा।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब एआई की प्रगति वैश्विक स्तर पर बहस का विषय बनी हुई है। ग्रीक प्रधानमंत्री मित्सोताकिस ने भी चिंता जताई कि बड़े टेक कंपनियों की वृद्धि से वित्तीय असमानता बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि एआई से लोगों को व्यक्तिगत लाभ दिखना चाहिए, वरना सामाजिक अशांति हो सकती है। आयोजन मूल रूप से यूरोपीय बास्केटबॉल चैंपियनशिप के सेमीफाइनल से टकरा रहा था, जिसके कारण इसे स्थगित किया गया था। ग्रीस उस मैच में 94-68 से हार गया।

हसाबिस एक न्यूरोसाइंटिस्ट और पूर्व शतरंज प्रॉडिजी हैं। उन्होंने 2010 में डीपमाइंड की सह-स्थापना की, जिसे 2014 में गूगल ने खरीद लिया। 2024 में उन्हें प्रोटीन फोल्डिंग की भविष्यवाणी करने वाले एआई सिस्टम विकसित करने के लिए रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार मिला, जो चिकित्सा और दवा खोज में क्रांति ला रहा है।

एआई विशेषज्ञों का मानना है कि हसाबिस का यह दावा शिक्षा प्रणालियों को पुनर्विचार करने का आह्वान है। भारत जैसे विकासशील देशों में, जहां युवा आबादी विशाल है, ‘सीखने की कला’ को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करना आवश्यक हो सकता है। वैश्विक रिपोर्ट्स के अनुसार, 2030 तक एआई 85 मिलियन नौकरियां प्रभावित कर सकता है, लेकिन 97 मिलियन नई नौकरियां भी पैदा करेगा—इनमें से अधिकांश के लिए अनुकूलन कौशल जरूरी होंगे।

यह बयान एआई के भविष्य पर चल रही बहस को और गहरा करता है, जहां तकनीकी प्रगति के साथ मानवीय क्षमताओं का संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण हो रहा है।

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