डोनाल्ड ट्रंप का भारतीय कंपनियों पर शिकंजाः आईटी प्रोफेशनल पर पड़ने वाली है मार, जानिए ट्रंप का नाया कार्ड

Indian IT Company News: अमेरिका की हायरिंग नीति काफी हद तक इमिग्रेशन और वर्क वीजा, जैसे कि एच-1 वीजा, पर आधारित है। अब नई नीति और भी सख्त बनाई गई है। इससे भारत की आईटी कंपनियों पर सीधे असर देखने को मिलेगा। बता दें कि  H-1B  वीजा स्पेशलिटी वाले कामों के लिए विदेशी श्रमिकों को अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है। बड़ी अमेरिकी कंपनियां, जिनमें Amazon, JPMorgan Chase, Microsoft, Apple, और Meta जैसे नाम शामिल हैं, H-1B वीजा का उपयोग बड़े पैमाने पर करती हैं। यह वीजा प्रणाली अक्सर अमेरिका के साथ विवाद का विषय रही है, क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि यह अमेरिकी श्रमिकों के लिए अवसर कम करती है।
डोनाल्ड ट्रंप के ष्अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे के तहत, उन्होंने भारतीय कंपनियों और सर्विस एक्सपोर्ट पर शिकंजा कसा है। अब अमेरिका की कंपनियों को आउटसोर्सिंग करना महंगा साबित होगा पहले टैक्स बचाने के लिए कंपनियों आउटसोर्स करती थी लेकिन अब टैक्स की अधिक मार पड़ने वाली है। इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण कदम और प्रस्ताव इस प्रकार हैं…

  • हायर एक्ट (HIRE Act) 2025 का प्रस्ताव: यह एक प्रस्तावित कानून है जिसके तहत उन अमेरिकी कंपनियों पर 25% तक का टैक्स लगाने की बात कही गई है जो अपना काम विदेश में, खासकर भारत में, आउटसोर्स करती हैं। इस टैक्स से जो पैसा इकट्ठा होगा, उसका उपयोग अमेरिकी कामगारों को प्रशिक्षण देने और उनके लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए किया जाएगा। अगर यह कानून बन जाता है तो भारतीय आईटी इंडस्ट्री को भारी नुकसान हो सकता है।
  • टैरिफ (शुल्क) बढ़ाना: ट्रंप सरकार ने भारतीय सामानों पर भारी टैरिफ लगाए हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, ये टैरिफ 50% तक बढ़ाए गए हैं, जिसमें रूस से तेल खरीदने पर 25% का अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। इसका असर भारतीय निर्यातकों पर पड़ रहा है।
  • ईरान से व्यापार पर प्रतिबंध: ट्रंप प्रशासन ने ईरान से पेट्रोलियम उत्पादों का व्यापार करने वाली कई भारतीय कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं।

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ट्रंप के इन कदमों और बयानों से भारत और अमेरिका के संबंधों में खटास आई है। भारतीय कारोबारियों को अमेरिका से खरीदार खोने का डर है और वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह रुख अप्रत्याशित है और भारत को सावधानी बरतनी चाहिए।

अमेरिकी टेलीकॉम कंपनियों पर टैक्स

आउटसोर्सिंग पर प्रस्तावित 25% टैक्स अमेरिकी टेलीकॉम कंपनियों पर भी लागू होगा जो अपना काम भारत में आउटसोर्स करती हैं। इस कदम का उद्देश्य अमेरिकी नौकरियों को बढ़ावा देना है, लेकिन यह भारतीय कंपनियों, खासकर आईटी और टेलीकॉम सेक्टर में काम करने वालों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।

 

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