Logix Infrastructure Noida Builder: लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की याचिका एनसीएलएटी (नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल) ने रद्द कर दी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि बायर्स का क्या होगा। क्योकि बिल्डर के कई प्रोजेक्ट इस वक्त बंद पड़े है। एनसीएलटी (नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल) द्वारा की गई सीआइपीआर (कामन इंसोल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोसेस) रद की थी।
अब करने होंगे प्रोजेक्ट पूरे
प्रक्रिया रद होने के बाद लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर ने एनसीएलएटी में रिव्यू याचिका दाखिल की थी। यहां भी उसको झटका लगा है। बिल्डर को प्राधिकरण का बकाया चुकाना होगा और परियोजना में अधूरे कार्यों को भी पूरा करना होगा। इसके अलावा खुद ही फ्लैट बायर्स को प्रोजेक्ट पूरा करके देना होगा।
बता दें लॉजिक्स इफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. की परियोजना लाजिक्स ब्लासम काउंटी सोसायटी में 2800 से अधिक फ्लैट हैं। रजिस्ट्री सिर्फ 500 की हुई है। वर्ष 2023 में बिल्डर ने एनसीएलटी में याचिका दायर कर खुद को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की।
जुलाई 2023 में एनसीएलटी ने परियोजना की देखरेख के लिए आइआरपी (इंसोलवेंसी रिजोल्यूशन प्रोफेशनल) नियुक्त किया। लंबी प्रक्रिया के बाद फरवरी 2025 में एनसीएलटी ने लाजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर की सीआइपीआर प्रक्रिया रद कर दी। बिल्डर ने मार्च 2025 में एनसीएलएटी में रिव्यू याचिका दायर की। जुलाई में एनसीएलएटी ने आदेश सुरक्षित रख लिया। सितंबर में सुनाए आदेश में बिल्डर को झटका लगा है। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने बिल्डर की रिव्यू याचिका रद कर दी है। एओए अध्यक्ष मनोज प्रसाद ने बातया कि एनसीएलटी से याचिका रद होने के बाद बिल्डर और उसके सहयोगियों की ओर से एनसीएलटी के आदेश को रिव्यू करवाने के लिए एनसीएलएटी में याचिका दायर की थी।

