नोएडा में बाढ़ का संकट गहराया : यमुना खतरे के निशान पर, 43 गांव डूब क्षेत्र में

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Noida News: लगातार बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी के चलते गौतमबुद्धनगर जिले में यमुना और हिंडन नदी का जलस्तर बढ़ने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ के हालात से अब तक कुल 43 गांव प्रभावित हुए हैं। इनमें से सदर तहसील के 12 गांवों में आबादी प्रभावित है, जबकि दादरी के 6 गांवों में भी पानी भर गया है। जेवर तहसील के 25 गांवों में फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। प्रशासन ने राहत-बचाव कार्यों को तेज कर दिया है।

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खतरे के निशान पर पहुंची यमुना

गुरुवार दोपहर 3 बजे तक यमुना नदी का जलस्तर 200.60 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान के बराबर है। दिल्ली स्थित ओखला बैराज पर चेतावनी बिंदु 202.17 मीटर और खतरे का बिंदु 200.60 मीटर है। यानी यमुना का बहाव अब पूरी तरह से खतरे की स्थिति में है।

वहीं हिंडन नदी का जलस्तर 201 मीटर दर्ज हुआ है, जबकि उसका खतरे का निशान 205.08 मीटर है। यानी अभी तत्काल खतरा नहीं है।

Water level of Yamuna and Hind increased 43 villages affected crops destroyed in 25 villages

3800 लोग रेस्क्यू, 2600 से ज्यादा शरणालयों में

अब तक प्रशासन ने 3800 से अधिक लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। इनमें से 2637 लोग विभिन्न बाढ़ शरणालयों में रह रहे हैं। यहां भोजन, साफ पेयजल, शौचालय और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की गई है। ज़रूरत पड़ने पर और शरणालय खोले जाएंगे।

स्वास्थ्य और पशु शिविर सक्रिय

मुख्य चिकित्साधिकारी के निर्देश पर 6 स्वास्थ्य रेस्पॉन्स टीम गठित की गई हैं, जो अलग-अलग शरणालयों में ड्यूटी कर रही हैं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष में स्वास्थ्यकर्मियों की शिफ्टवार तैनाती की गई है। सांप के काटने जैसी आपात स्थिति को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में एंटी-स्नेक वैनम दवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं।

पशुओं की सुरक्षा के लिए सेक्टर-135, ग्रीन बेल्ट, पुश्ता रोड पर शिविर बनाए गए हैं, जहां तकरीबन 1471 पशुओं को सुरक्षित पहुंचाया जा चुका है।

Noida News:  एनडीआरएफ और पीएसी तैनात

राहत और बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें (जेवर और सेक्टर-150 में) तथा पीएसी की एक टीम मुर्शदपुर गांव में तैनात है। अग्निशमन विभाग की एक टीम 8 नावों के साथ पुश्ता क्षेत्र में मौजूद है। जल्द ही एसडीआरएफ की दो और टीमें भी पहुंचेंगी। अब तक एनडीआरएफ ने 35 लोगों का रेस्क्यू किया है।

झुग्गी बस्तियों पर संकट

लगातार बढ़ते जलस्तर ने पुश्ता रोड पर बसे करीब 16 किमी लंबे झुग्गी इलाके (सेक्टर-91 से सेक्टर-168 तक) में रह रहे 3 हजार से अधिक लोगों को संकट में डाल दिया है। प्रशासन के अलर्ट के बावजूद यहां न तो बैरिकेडिंग की गई और न ही लोगों की आवाजाही रोकी गई है। यही कारण है कि लोग डूब क्षेत्र में जाकर सामान निकाल रहे हैं, जिससे हादसे का खतरा और बढ़ गया है।

प्रभावित गांव

मंगरौली, छपरौली, गुलावली, मोहियापुर, झट्टा, याकूतपुर और नंगली वाजिदपुर गांव के अलावा ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-150, 151 और 168 से सटे कई गांवों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय

जिले में बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सक्रिय है। हालात की लगातार निगरानी की जा रही है। फोन नंबर 0120-2978231, 2978232, 2978233 पर मदद मांगी जा सकती है।

अपर जिलाधिकारी अतुल कुमार ने बताया कि प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है और किसी को भी असहाय नहीं छोड़ा जाएगा।

 जलस्तर का रिकॉर्ड

 मंगलवार: 199.45 मीटर

 बुधवार: 200.25 मीटर

 गुरुवार: 200.65 मीटर

  खतरे का निशान: 200.60 मीटर

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